लुहरी प्रोजैक्ट के लिए नहीं होगा अब सुरंग का निर्माण, SJVNL ने बदली रणनीति

Thursday, Oct 10, 2019 - 11:04 AM (IST)

शिमला (कुलदीप): केंद्र सरकार के उपक्रम सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एस.जे.वी.एन.एल.) ने लुहरी पावर प्रोजैक्ट में प्रस्तावित सुरंग निर्माण की योजना को छोड़ दिया है। सुरंग निर्माण का यह प्रस्ताव स्थानीय लोगों के विरोध और सतलुज नदी के सूखने के संभावित खतरे को देखते हुए बदला गया है। रन ऑफ द रिवर लुहरी प्रोजैक्ट को लेकर 38.34 किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण होना था। शिमला में हुई पावर कन्क्लेव में 210 मैगावाट के इस प्रोजैक्ट को लेकर मुख्यमंत्री की मौजूदगी में हस्ताक्षर हुए थे। इस प्रोजैक्ट के निर्माण पर करीब 1,745 करोड़ रुपए व्यय होंगे, जिससे 1,000 लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। 

उल्लेखनीय है कि प्रस्तावित सुरंग निर्माण के खिलाफ स्थानीय लोग लगातार आंदोलन कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि सुरंग के निर्माण से क्षेत्र का पारिस्थितिकीय संतुलन बिगड़ेगा, जिससे जल जीवों पर इसका असर पड़ेगा। इस मुद्दे को लेकर हिमाचल में पर्यावरण संरक्षण को लेकर काम करने वाली एक संस्था ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से भी मामले को उठाया था। 

सुरंग निर्माण को लेकर उपजे इस विवाद को देखते हुए प्रदेश सरकार की तरफ से भी इसका निर्माण न करने संबंधी सुझाव आया था, जिसके बाद एस.जे.वी.एन.एल. ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। ऐसे में अब देश की सबसे लंबी 38.34 किलोमीटर सुरंग का निर्माण नहीं हो पाएगा। लुहरी प्रोजैक्ट की हैड रेस टनल कुल्लू जिला के नित्थर से मंडी जिला के बिंदला के मध्य प्रस्तावित थी। सुरंग बनने से करीब 50 किलोमीटर तक सतलुज नदी के सूखने का खतरा था। इसे देखते हुए अब एस.जे.वी.एन.एल. नए सिरे से पावर प्रोजैक्ट निर्माण करेगा।

Ekta