हिमाचल में नहीं होंगे पशु चिकित्सकों के तबादले, सरकार ने इस कारण लगाई रोक

Tuesday, Aug 23, 2022 - 08:00 PM (IST)

शिमला (प्रीति मुकुल): हिमाचल प्रदेश में लगातार बढ़ते जा रहे लंपी वायरस के मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने पशुपालन विभाग में वैटर्नरी डाॅक्टरों के तबादलों पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही बीते दिनों हुए तबादलों को भी सरकार ने तुरंत प्रभाव से रद्द कर दिया है। इसके अलावा लंपी वायरस से प्रभावित क्षेत्रों में जहां पर स्टाफ की कमी है, वहां स्टाफ की तैनाती के आदेश भी दिए हैं। विभाग ने सभी जिला उपनिदेशकों को अपने स्तर पर वैक्सीन व दवाइयां खरीदने को कहा गया है, ऐसे में अब जिला अधिकारियों को इसके लिए विभाग की परमिशन नहीं लेनी पड़ेगी। 

संक्रमित पशुओं को लगाई जा रही वैक्सीन : वीरेंद्र कंवर
पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा है कि लंपी वायरस को लेकर विभाग सतर्क है। संक्रमित पशुओं को वैक्सीन लगाई जा रही है। प्रभावित क्षेत्रों के 5 किलोमीटर के दायरे तक पूरी एहतियात बरती जा रही है। इसको देखते हुए फिलहाल विभाग में वैटर्नरी डाॅक्टरों के  तबादलों पर भी रोक लगाई गई है और जहां स्टाफ नहीं है, वहां स्टाफ उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा है कि लंपी वायरस को महामारी घोषित कर दिया गया है, ऐसे में इस वायरस से पशुओं की होने वाली मौत पर राजस्व विभाग की ओर से मुआवजा दिया जाएगा। 

लंपी वायरस की चपेट में प्रदेश के 9 जिले, 359 पशुओं की मौत
प्रदेश के 9 जिले (सोलन, सिरमौर, शिमला, ऊना, कांगड़ा, बिलासपुर, मंडी, हमीरपुर व चम्बा) इस समय लंपी वायरस की चपेट में हैं। अभी तक प्रदेश में 359 पशुओं की मौत हो चुकी है जबकि 18461 पशु संक्रमित हैं। विभाग द्वारा 37632 पशुओं की वैक्सीनेशन की गई है। 3567 पशु इस वायरस से ठीक हुए हैं और 14535 पशुओं की स्थिति काफी बेहतर है।

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Content Writer

Vijay