स्मार्ट सिटी की राह में NGT के नियम बन रहे रोड़ा: सरकार

Tuesday, Jun 25, 2019 - 06:00 PM (IST)

शिमला (योगराज): केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश को दो स्मार्ट सिटी दी है लेकिन इसका काम कछुए की रफ्तार से चल रहा है। सरकार एनजीटी के दिशा निर्देश को शिमला में स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट को शुरू करने में रोड़ा बता रही है। स्मार्ट सिटी व अमृत मिशन योजना की वर्षगांठ के मौके पर देश भर में मंगलवार को ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए केंद्रीय हाउसिंग एवम अर्बन अफेयर्स मंत्री ने योजनाओं को लेकर समीक्षा और चर्चा की। शिमला में शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव प्रबोध सक्सेना ने कहा कि धर्मशाला स्मार्ट सिटी के लिए प्रपोजल 2109.69 करोड़ का है जिसमें 74 प्रोजेक्ट्स पर काम होना है। 

इसमें से 1956.07 करोड़ रुपया 775 क्षेत्र के विकास पर खर्च किया जाएगा। अभी तक केंद्र ने इसके लिए 196 करोड़ जारी कर दिया है जबकि प्रदेश सरकार 26.89 करोड़ दे चुकी है। इसमें 50 पद भी सृजित किए गए है। वहीं शिमला स्मार्ट सिटी के लिए 2905.97 करोड़ रुपए प्रस्तावित है। जिसमें से 292 एकड़ भूमि के विकास के लिए 2531.59 करोड़ रखा गया है। कुल 8733 एकड़ क्षेत्र का विकास किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के लिए केन्द्र 58 करोड़ जारी कर चुकी है जबकि प्रदेश सरकार ने 42 करोड़ जारी किए है। धर्मशाला की ही तर्ज पर शिमला में भी 50 पद स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए सृजित किए गए है।

अमृत योजना कुल्लू-शिमला में चल रही है। प्रबोध सक्सेना ने कहा कि शिमला में पानी की समस्या इस बार नही हुई है जिसका मुख्य कारण अमृत से आया पैसा है। अमृत मिशन के तहत शिमला की पाइप लाइनो को दुरुस्त किया गया जिससे लीकेज कम हुई। कुल्लू में भी मिशन के तहत पिछले 6 माह में काफी काम हुआ है। अमृत मिशन का काम मार्च 2020 तक पूरा कर लिया जाएगा। हिमाचल में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 7914 मकान बनने है जिनमें से 1114 मकान बना लिए गए है। स्मार्ट सिटी को लेकर प्रबोध सक्सेना ने माना कि जल्द फैसले न लिए जाने के कारण प्रोजेक्ट में काम प्रगति नही पकड़ पा रहा है। शिमला में एनजीटी के आदेश इसमें सबसे बड़ा रोड़ा है। 19 प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो गया है। धर्मशाला स्मार्ट सिटी में हुए काम पर उठे सवाल और धर्मशाला मेयर के लेटर को लेकर कहा कि लेटर मिला है उसपर भी कार्यवाही की जाएगी।

Ekta