जल उठेंगे बर्फ के पहाड़, अगले 30 साल में बढ़ जाएगा 5 डिग्री तापमान (Video)

Friday, Jul 19, 2019 - 04:20 PM (IST)

शिमला (तिलक राज): हिमाचल वासियों के लिए ये झटका देने वाली खबर है क्योंकि आने वाले कुछ सालों में हिमाचल वर्तमान हिमाचल जैसा नहीं रहेगा। राहत की सांस शायद अब यहां से गायब हो जाए। ये खूबसूरत हरी भरी वादियां और पहाड़ सिर्फ दिखेंगे लेकिन अपने खूबसूरत होने का एहसास नहीं करवा पाएंगे। भले ही सीधे तौर पर वैज्ञानिक कुछ और कह रहे हैं लेकिन साफ-साफ शब्दों में उनकी बातों के माइनें यही निकल रहे हैं कि तपती गर्मी से अब हिमाचल जलेगा। सूरज के प्रकोप से हिमाचल प्रदेश UP-MP की तरह तप कर गर्म प्रदेश बन जाएगा। हिमालयन क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन का आगामी समय में गंभीर परिणाम सामने आएंगे।

वैज्ञानिकों का कहना है कि 2050 तक 5 डिग्री तक तापमान में वृद्धि होगी जिसका सबसे ज्यादा असर कृषि और मौसम पर पड़ेगा। हिमाचल पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से जलवायु परिवर्तन पर शिमला में पर्यटन निगम के होटल होली डे होम में जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने पर मंथन किया जा रहा है। भविषय में आनी वाली चुनौतियों से निपटने के लिए सभी विभागों में मास्टर ट्रेनर तैयार किए जा रहे हैं। जिन्हें जलवायु परिवर्तन से कैसे बचा जाए इसको लेकर तैयार किया जा रहा है। कार्यशाला में आए विशेषयगों ने तेजी से हो रहे जलवायु परिवर्तन पर चिंता जाहिर की ओर भविष्य में इसके गंभीर परिणाम सामने आने को लेकर आगाह भी किया। कार्यशाला में बताया गया कि 2030 तक एक से डेढ़ डिग्री तक तापमान में बढ़ोतरी होगी।

तापमान में बढ़ोतरी होने से जहा सूखा रहेगा वही कृषि ओर बागवानी पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा। विज्ञान एवं पर्यावरण विभाग के वैज्ञानिक सुरेश अत्री ने कहा कि हिमाचल में जलवायु परिवर्तन के ऊपर कार्ययशाला में मंथन किया जा रहा है। जलवायु परिवर्तन के ऊपर विभाग के अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत के हिमालयन रीजन में 2030 तक एक से डेढ़ डिग्री तापमान कम होने का अंदेशा जताया है और 2050 तक 5 डिग्री तक कमी आएगी। एक डिग्री तापमान में बदलाव होता तो बहुत ज्यादा इसका असर होगा। खास कर कृषि के क्षेत्र पर फर्क पड़ेगा। मानसून के साथ-साथ बारिश के पैटर्न में बदलाव से मानसून अधिक लंबा और अधिक अनियमित हो जाएगा। तापमान और बारिश के पैटर्न में बदलाव से जलवायु से जुड़े कृषि, जल संसाधन और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों पर बेहद गंभीर प्रभाव पड़ेगा। इससे कैसे निपटा जाए उसके लिए ही विभागों में ट्रेनर तैयार किए जा रहे है। इसके लिए सब लोगो को भी तैयार होना पड़ेगा।

Ekta