बागवानों को लूटने का आढ़तियों ने अपनाया नया फार्मूला

Tuesday, Jul 23, 2019 - 12:07 PM (IST)

शिमला (अम्बादत): प्रदेश के किसानों व बागवानों को आढ़तियों द्वारा लूटा जा रहा है। इस साल आढ़तियों ने बागवानों को लूटने का नया फार्मूला अपनाया है। हिमाचल के सेब बागवानों को आढ़ती गोल रेट देने से हिचकिचा रहे हैं। देश के अन्य राज्यों की बड़ी मंडियों में भी बागवानों को सेब की पेटियों का औसत रेट दिया जाता रहा है। मगर इस बार शिमला में छोटे आकार के बढ़िया सेब के दाम 30 फीसदी कम देने पर आढ़ती अड़े हैं। बी श्रेणी का 70 फीसदी सेब तैयार होता है। 

हिमाचल किसान संघर्ष समिति ने प्रदेश सरकार को चेताया है कि यदि आढ़तियों द्वारा की जा रही खुली लूट बंद न हुई तो बागवान सड़कों पर उतरने को मजबूर हो जाएंगे। इसके लिए प्रदेश सरकार स्वयं जिम्मेदार है। हिमाचल किसान संघर्ष समिति के सचिव संजय चौहान ने कहा कि सरकार की नाकामी के कारण आढ़तियों और लदानियों की मिलीभगत से बागवानों का पिछले कई साल से शोषण हो रहा है। बागवानों को आज दिन तक न्याय नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि ए.पी.एम.सी. के मुताबिक सेब की पेटियों को आढ़तियों व लदानियों द्वारा गोल रेट में ही खरीदना होता है। यदि कोई आढ़ती व लदानी गोल रेट में सेब नहीं खरीदता तो उसके खिलाफ ए.पी.एम.सी. कार्रवाई कर सकता है।

बागवानों ने कहा कि मंडियों में अभी ए और बी श्रेणी के सेब के ट्रक मंडियों में ले जाते थे तो आढ़ती सेब की सभी पेटियों का औसत दाम दे देते थे। अब देश के अन्य राज्यों में सेब का औसत दाम देने में आनाकानी करने लगे हैं। बी ग्रेड का सेब छोटा और अच्छा होता है और एक पेटी में छह परतें लगती हैं। इस सेब के दाम आढ़ती 30 फीसदी कम दाम देने लगे हैं। यह प्रथा ढली मंडी में भी शुरू की जा रही है। बागवान इसका कड़ा विरोध करेंगे। ए श्रेणी का सेब पेटी में 22 किलो तक आता है जबकि बी श्रेणी का छोटा सेब 32 से 34 किलो तक आता है।

Ekta