विक्रमादित्य पर बरसे नेगी, बोले-निम्न स्तर की कर रहे हैं बयानबाजी

Tuesday, Jan 14, 2020 - 02:51 PM (IST)

शिमला (योगराज) : सोशल मीडिया पर वन निगम के उपाध्यक्ष सूरत नेगी का बर्फ़बारी को लेकर जयराम सरकार को श्रेय देने वाला वीडियो कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह द्वारा वायरल करने को लेकर सूरत नेगी ने निम्न स्तर की राजनीति करने के आरोप लगाए हैं। नेगी ने कहा कि विक्रमादित्य ने पूरे वीडियो को वायरल नहीं किया है और वीडियो के एक भाग को ही वायरल किया है। बर्फबारी को लेकर जो बयान उन्होंने दिया था उसका संदर्भ यह नहीं था कि जयराम सरकार ने बर्फ गिराई है। लेकिन उन्होंने इतना जरूर कहा है कि जब से भाजपा की प्रदेश में सरकार आयी है तब से तीन सर्दी के सीजन में अच्छी बर्फबारी हुई है जिससे बागवानी खासकर सेब की फसल को बहुत लाभ हो रहा है ।

लेकिन विक्रमादित्य सिंह मुझे इसको लेकर मुख्यमंत्री की चापलूसी और अंधभक्ति से बचने की सलाह दे रहे हैं। भाजपा दल के नेता होने के मुख्यमंत्री की विकास कार्यों के लिए तारीफ करना जायज है लेकिन विक्रमादित्य सिंह खुद जयराम ठाकुर की चापलूसी कर रहे हैं। विक्रमादित्य सिंह बताए वह क्यों और किस आधार पर मुख्यमंत्री की चापलूसी कर रहे हैं जबकि जयराम तो उनके नेता भी नहीं है। सूरत नेगी ने कहा कि वे विक्रमादित्य सिंह की तरह वंशवाद के गमले से उगे नेता नहीं है बल्कि जनता के बीच मे काम करके नेता बने है। विक्रमादित्य सिंह कान्वेंट स्कूल से पढ़े है इसलिए हिंदी उनको कम समझ आती हैं।इसलिए उन्होंने इस तरह की निम्न भाषा का इस्तेमाल उन्होंने इस्तेमाल किया है। 

वहीं सूरत नेगी के विक्रमादित्य सिंह पर आरोपों को लेकर विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि एक शुभचिंतक होने के नाते उन्होंने सूरत नेगी को चापलूसी ना करने की सलाह दी थी जबकि व्यक्तिगत तौर पर वे उनका सम्मान करते हैं। जिस तरह से वीडियो में बर्फबारी को लेकर सूरत नेगी जयराम सरकार का जाप कर रहे हैं वह सबके सामने है। वीडियो को लोगों ने खुद देखा है किस तरह से सूरत नेगी अंधभक्त हो कर जयराम का गुणगान कर रहे हैं। वे जनता के प्रतिनिधि है सरकार ने जो दायित्व उन्हें सौंपा है उस दायित्व को निभाये और तरह के ब्यानों से उनका बचना चाहिए।

विक्रमादित्य ने कहा कि उनका मुख्यमंत्री से मिलना चापलूसी नहीं है बल्कि विधायक होने के नाते लोगों की समस्या को सरकार के समक्ष रखना उनका दायित्व है जिसे वे कर रहे हैं।मुख्यमंत्री किसी एक पार्टी के नहीं होते है बल्कि समस्त प्रदेश के होते हैं।विक्रमादित्य ने कहा कि उनको हिंदी और इंग्लिश की बहुत अच्छी समझ है और जिस स्कूल से वे पढ़े है उसी स्कूल से 6 बार के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह भी पढ़े है जिन्हें जनता ने सबसे ज्यादा प्रदेश की कमान सौंपी है।भाजपा नेताओं की जिस अंधभक्ति की बात कांग्रेस करती है है वह आज सूरत नेगी के बयान का जीता जागता सबूत है।

Edited By

Simpy Khanna