पानी व सीवरेज सैस की दरें बढ़ाने पर बिफरी नागरिक सभा, MC के खिलाफ की नारेबाजी(Video)

Wednesday, Jul 31, 2019 - 07:07 PM (IST)

शिमला (तिलक राज): शिमला नगर निगम द्वारा पानी व सीवरेज सैस की दरों में की गई वृद्धि के खिलाफ शिमला नागरिक सभा ने मोर्चा खोल दिया है। बुधवार को जहां नगर निगम की बचत भवन में मासिक बैठक चल रही थी, वहीं नागरिक सभा बाहर नगर निगम के खिलाफ नारेबाजी करती रही। इस प्रदर्शन में नगर निगम के पूर्व महापौर संजय चौहान भी शामिल हुए। वहीं निगम द्वारा ज्वाइंट कमिश्नर को बात करने भेजा गया लेकिन नागरिक सभा ने बिना ए.जी.एम. के पानी की दरों व सीवरेज सैस बढ़ाने पर आपत्ति जताई और इसे जल्द वापस लेने की मांग की।

मनमर्जी से पानी के बिलों में बढ़ौतरी कर रहा निगम

नागरिक सभा ने नगर निगम पर निजीकरण का आरोप लगाया और कहा कि नगर निगम मनमर्जी से पानी के बिलों में बढ़ौतरी कर रहा है, जिसे नागरिक सभा किसी भी सूरत में बर्दाश्त नही करेगी। नागरिक सभा के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा कि नगर निगम में कोई काम की बात नही होती है और बैठकों में सिर्फ विदेशों के टूअर पर कब जाना है, इस पर ही चर्चा होती है। नगर निगम पानी, सीवरेज सैस व कूड़ा उठाने के दामों में वृद्धि कर रहा है। नगर निगम फ्लोप हो रहा है। तीन वर्षों में ए.जी.एम. ही नहीं हुई। नगर निगम ने कूड़ा उठाने के रेट बढ़ा दिए और फैसला लिया कि हर साल 10 प्रतिशत बढ़ाया जाएगा। इसके अलावा सरकार नगर निगम का निजीकरण कर रही है। पानी केलिए अलग से जल प्रबंधन निगम बना दिया जो मनमानी कर रहा है।

बंदरों के आतंक से नहीं मिल रहा छुटकारा

उन्होंने कहा कि नागरिक सभा ने पहले भी नगर निगम की महापौर को बंदरों के आतंक से छुटकारा दिलाने के लिए ज्ञापन सौंपा था लेकिन उस पर कोई कर्रवाई नहीं की जा रही है जबकि शहर में हर रोज 6 से 8 लोगों को बंदरो द्वारा काटा जा रहा है, जिसके चलते लोग घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं लेकिन नगर निगम कोई कदम नहीं उठा रहा है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि आज बैठक के बाहर प्रदर्शन किया जा रहा है लेकिन इस समस्याओ का समाधान नहीं किया गया तो 24 घंटे का धरना-प्रदर्शन करने से भी पीछे नही हटेंगे।

महापौर ने नकारे नागरिक सभा के आरोप

उधर, नगर निगम की महापौर कुसुम सदरेट ने नागरिक सभा के आरोपों को नकारते हुए कहा कि निगम किसी भी तरह का बोझ लोगों पर नही डाल रहा है। सीवरेज सैस की बढ़ी हुई दरें नहीं ली जा रही है अब 30 प्रतिशत ही लिया जाएगा। इसके अलावा बंदरों की समस्या के लिए वन विभाग को लिखा गया है।

Vijay