देव संसद: रोपवे और पर्यटन को लेकर देवताओं की मनुष्य जाति को चेतावनी ''अभी तो एक लौटा दिया है, नहीं संभले तो.....
punjabkesari.in Friday, Oct 31, 2025 - 08:44 PM (IST)
नग्गर (आचार्य): ऐतिहासिक नग्गर कैसल प्रांगण में शुक्रवार को जगती में देवी-देवताओं ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि देव स्थलों के साथ छेड़छाड़ व गौ माता की अनदेखी किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आदेश का पालन नहीं हुआ तो इसका खामियाजा भुगतने के लिए भी तैयार रहें। देवताओं ने कहा कि अभी तो केवल एक ही लौटा पानी दिया है। अगर मानव जाति की मनमानी ऐसे ही जारी रही तो भगवान रघुनाथ के चरण छूने को विवश होंगे। ऐतिहासिक नग्गर कैसल प्रांगण में शुक्रवार को देव संसद (बड़ी जगती) में 3 जिलों कुल्लू, मंडी और लाहौल-स्पीति के करीब 250 देवी-देवताओं ने शिरकत की। जगती में देवताओं ने अपने तपोस्थलों पर हो रही छेड़छाड़ पर चिंता प्रकट की। लगभग सभी देवी-देवताओं ने भगवान भोलेनाथ के नाराज होने की बात कही।
कारदार दानवेंद्र सिंह ने बताया कि घाटी के आराध्य ऋषि जमलू ने सभी से देव आदेशों को गंभीरता से लेने को कहा। मंडी से पराशर ऋषि ने भी उनके स्थानों से हो रही छेड़छाड़ को विपदा का मुख्य कारण बताया। लाहौल-स्पीति के देवताओं ने माता हिडिंबा के आदेशों का अक्षरशः पालन करने का आदेश दिया। देवताओं ने बरसात में हुई तबाही पर यहां तक कहा कि भोलेनाथ ने अभी एक ही लौटा छलकाया है, अगर मनुष्य जाति ने अपनी मनमानी नहीं छोड़ी तो गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। देवताओं ने कहा 'याद रखना, ब्यास रघुनाथ जी के चरणों को छूकर भी गुजर सकती है, यदि ऐसा हुआ तो खुद ही सोच लो तबाही का क्या मंजर होगा।'
गौर रहे कि प्रदेश में पिछले 2 वर्षों में विनाशकारी आपदा और देवी-देवताओं को आने वाले समय में दिख रहे अशुभ संकेतों को लेकर देवी हिडिम्बा ने नग्गर में बड़ी देव संसद आयोजित करने का आदेश दिया था, ताकि सामूहिक प्रार्थना व निर्णय के माध्यम से इस संकट को टाला जा सके।
गाय को बेसहारा छोड़ा तो होंगे गंभीर परिणाम
जगती में देवी-देवताओं ने गऊ माता के विषय पर भी आदेश दिया। देवताओं ने स्पष्ट किया कि गऊ माता सिर्फ बोलने भर से हमारी माता नहीं हो जाएंगी, बल्कि उन्हें अपनाकर व संभालकर रखने में ही उनका सच्चा सम्मान है। उन्होंने मनुष्य जाति को चेताया है कि गायों को बेसहारा न छोड़ा जाए, अन्यथा इसके परिणाम अत्यंत गंभीर होंगे।
सुबह शुरू हुआ देव संसद का आगाज
इससे पहले सुबह करीब 8 बजे नग्गर कैसल के जगतीपट मन्दिर में देव संसद की कार्रवाई का आगाज हुआ। जगतीपट मंदिर के कारदार महेश्वर सिंह ने देव नियमों के मुताबिक देवी-देवताओं की व्यवस्था करने के बाद जगती शुरू की। इसके शुभारंभ के लिए कुल्लू राजघराने के सुल्तानपुर स्थित रूपी पैलेस से धड़छ लाया गया। जगती में दोपहर तक जगतीपट मंदिर पहुंचते रहे। बाद दोपहर करीब 3 बजे जगती संपन्न हुई। उन्होंने बताया कि कुल्लू जिला में जब भी मुसीबत आती है तो उसके निवारण के लिए जगती का आयोजन होता है। ढालपुर मैदान में पिछले कुछ समय से हो रही छेड़छाड़ पर महायज्ञ करवाने के आदेश दिए गए।

