Himachal: मेयर-डिप्टी मेयर का कार्यकाल अब 5 साल, विधानसभा में विपक्ष की गैर-मौजूदगी में विधेयक पारित

punjabkesari.in Thursday, Dec 04, 2025 - 05:23 PM (IST)

तपोवन (धर्मशाला) (कुलदीप): हिमाचल प्रदेश के सभी नगर निगमों में अब मेयर और डिप्टी मेयर का कार्यकाल 5 वर्ष होगा। मेयर और डिप्टी मेयर का कार्यकाल बढ़ाने संबंधी नगर निगम संशोधन विधेयक को शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने पारित करने के लिए रखा। विपक्ष की गैर-मौजूदगी में इस विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। नगर निगम कानून संशोधन से पहले सरकार इस संबंध में अध्यादेश लाई थी। इस संशोधन विधेयक के पारित होने के बाद मेयर और डिप्टी मेयर का कार्यकाल बढ़ाए जाने का रास्ता साफ हो गया है। हालांकि अभी राज्यपाल से इसकी स्वीकृति मिलनी बाकी है। इससे पहले वर्तमान में नगर निगम के मेयर और डिप्टी मेयर का कार्यकाल अढ़ाई वर्ष का था।

संशोधन विधेयक के प्रावधानों के अनुसार मेयर और डिप्टी मेयर की पदावधि उनके चुनाव की तारीख से 5 वर्ष की होगी। मेयर की ओर से अपने पद से त्यागपत्र देने की स्थिति में अथवा पद के किसी कारणवश खाली होने की स्थिति में डिप्टी मेयर इसका पदभार ग्रहण कर सकेगा। नए मेयर का निर्वाचन होने तक डिप्टी मेयर को यह दायित्व सौंपा जाएगा। मेयर पद के खाली होने पर 1 माह के भीतर उसी वर्ग से शेष अवधि के लिए नया मेयर चुना जाएगा। 

नगरपालिका संशोधन विधेयक भी पारित
शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने नगरपालिका संशोधन विधेयक को भी पारित करने के लिए सदन में रखा। इसे भी विपक्ष की गैर-मौजूदगी में ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। इस तरह सदन में 2 विधेयक विपक्ष की गैर-मौजूदगी में पास हुए।नगरपालिका संशोधन विधेयक के अनुसार अब प्रधान महालेखाकार (सीएजी) नगरपालिकाओं का ऑडिट करेगा। नगरपालिकाओं में वित्तीय उत्तरदायित्व बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार ने इन निकायों का ऑडिट करवाने के उद्देश्य से कानून में संशोधन किया जाएगा। संशोधन के मसौदे में किसी भी नगरपालिका के नगर निगम शामिल होने पर उसका कार्यकाल भी तय किया गया है। इस संशोधन के अनुसार नगरपालिका के किसी भी वार्ड के नगर निगम में शामिल किए जाने पर इसके सदस्यों को शेष कार्यकाल पूरा करने का अवसर मिलेगा। नगर निगम में रिक्तियों की स्वीकृति की रिपोर्टिंग भी समयबद्ध तरीके से करना अनिवार्य होगा।


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Vijay

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