धमकी की राजनीति छोड़ें CM जयराम, विपक्ष डरने वाला नहीं : मुकेश अग्निहोत्री

Wednesday, May 13, 2020 - 08:14 PM (IST)

शिमला (ब्यूरो): नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर धमकी की राजनीति छोड़ दें। उन्होंने कहा कि सीएम यह न सोचें कि विपक्ष को धमकी देकर डरा देंगे। लोकतंत्र में धमकी की राजनीति नहीं चलती। प्रदेश में कोई आपातकाल नहीं लगा कि वन मैन रूल लागू हो जाए। परिस्थितियां सदैव एक जैसी रहने वाली नहीं हैं। उन्होंने पंजाब केसरी से विशेष बातचीत में कहा कि ऐसा लगता है कि आज जो कुर्सी पर बैठे हैं, उनको लगता है कि सामने वाला कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि विपक्ष मजबूत है और जो सरकार करना चाहती है, वह करे।

कांग्रेस के लीडर की क्यों चिंता कर रहे सीएम

उन्होंने कहा किकांग्रेस का लीडर कौन है, इसकी सीएम को चिंता क्यों हो रही है। यह कांग्रेस का मसला है और उसे ही तय करना है। उन्होंने कहा कि हमें भी लोग पूछते हैं कि भाजपा में नेता कौन है जो सत्ता में लेकर आया है या जो आज का मुख्यमंत्री है। विपक्ष नहीं बोलता कि केंद्रीय मंत्री ने सीएम से हाथ नहीं मिलाया। जेपी नड्डा राष्ट्रीय अध्यक्ष हो गए हैं, बड़े मुकाम पर हैं लेकिन जब नेता की बात आती है तो कुछ लोग कई तरह के सवाल करते हैं। यह भी पूछते हैं कि डॉ. राजीव बिंदल ने स्पीकर का पद छोड़कर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष का पद क्यों लिया, इसके आगे के मायने क्या हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ऐसी राजनीति नहीं करती लेकिन मुख्यमंत्री व अन्य भाजपा नेता को विपक्ष की ज्यादा चिंता हो रही है।

सरकार को निभाना होगा राजधर्म

उन्होंने कहा कि सरकार जल्दबाजी में प्रदेश को कोरोना मुक्त करना चाहती थी और पब्लिसिटी की तैयारी शुरू कर दी थी कि मैं हंू न। उन्होंने कहा कि जो भी हिमाचली बाहर फंसा है, उसे वापस लाना सरकार का दायित्व है और यह राजधर्म निभाना होगा। अब फर्क इतना है कि जहां देरी से सरकार ने यह कदम उठाया, वहीं श्रेय लेने का प्रयास शुरू कर दिया। अग्रिहोत्री ने कहा कि विपक्ष इसका श्रेय नहीं चाहता, बस यही चाहता है कि हर हिमाचली सेफ रहे और जो आना चाहता है, उसे लाया जाए।

मुझे पता-किस चिट्ठी से सीएम को हो रही दर्द

उन्होंने कहा कि सीएम को ज्ञापन सौंपना सबका अधिकार है। सीएम को विधायकों व विपक्ष के पत्र और ज्ञापन सौंपे जाने से दर्द नहीं होना चाहिए। सीएम कहते हैं कि वीरभद्र सिंह ने चिट्ठी लिखी। वह 6 बार सीएम रहे हैं और राय देते हैं तो सरकार को उनका आभार जताना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह जानते हैं कि किस पत्र से सीएम को दर्द है। उन्होंने कहा कि जब सीएम कह रहे कि हमें राय न दें तो विपक्ष ने राज्यपाल के समक्ष राय रखी। इसके बाद जो मुद्दे आए, उनसे राज्यपाल को अवगत करवाया। अब सीएम के पास समय हो तो बताएं, उन्हें दे देंगे।

सरकार ने की राजनीति शुरू

उन्होंने कहा कि कोरोना पर सरकार ने राजनीति शुरू की है। विपक्ष ने सबसे पहले सदन में चर्चा मांगी। सरकार को पूरा सहयोग किया लेकिन अब सरकार को लगता है कि श्रेय कांग्रेस न ले जाए, इसके लिए राजनीति की जा रही है। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने मसला उठाया कि कोविड फंड से पौने 3 लाख के 17 ब्यूरोक्रेसी को मोबाइल दे दिए। उन्होंने कहा कि ऐसे गुस्सा होने की क्या जरूरत है।

इन्वैस्टर मीट का चैंपियन दुबई में ब्लैक लिस्ट

उन्होंने कहा कि सरकार ने इन्वैस्टर मीट का गुणगान करते हुए 1 लाख करोड़ के कारखाने लगाने की बात कही लेकिन कोरोना के दौर में कोई आगे नहीं आया जबकि सरकार ने प्रदेश की बहुमूल्य भूमि के साथ रियायतों का पूरा मसौदा तैयार कर रखा था। उन्होंने कहा कि दुबई से आए जिस व्यक्ति को इन्वैस्टर मीट का सबसे बड़ा चैंपियन कहा जा रहा था और जिसने भाषण में कहा था कि सोलन में अस्पताल बनाऊंगा, उसे सऊदी सरकार ने ब्लैक लिस्ट कर दिया, ऐसे में विपक्ष की बातों पर भी ध्यान देना चाहिए।

आईजीएमसी के प्रिंसीपल को रात के अंधेरे में क्यों हटाया गया

उन्होंने कहा कि बायोमीट्रिक से राशन लेने की अधिसूचना जारी की जबकि पता था कि खतरा हो सकता है, ऐसे में मामला उठाया और सरकार ने अधिसूचना वापस ली। आईजीएमसी के प्रिंसीपल को रात के अंधेरे में क्यों हटाया गया जबकि ये सबसे बड़ा अस्पताल है। ऐसे भी चर्चाओं ने जोर पकड़ा कि खरीद की बात हो रही है। बड़ी परचेज की बात हो रही है। कहीं ऐसा तो नहीं है कि पीपीई किट के बदले रेन कोट आ गए, जिसको लेने से मना कर दिया क्योंकि डॉक्टरों के हित की बात है, ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह स्थिति स्पष्ट करे।

Vijay