केंद्र सरकार ने नकली शहद पर की कार्रवाई, देश को होगा आर्थिक लाभ : रामस्वरूप

Saturday, Dec 05, 2020 - 06:33 PM (IST)

मंडी (ब्यूरो): कंद्र सरकार ने नकली शहद पर जो कार्रवाई की है, उससे देश को आर्थिक लाभ होगा। चीन व अन्य यूरोपियन देशों से जो नकली सिरप आ रहा था, उस पर अब अंकुश लगेगा। मंडी में सांसद रामस्वरूप शर्मा ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि चीन से आने वाले नकली सिरप के बारे में लोकसभा में मामला उठाया था तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निजी तौर पर पत्र भी लिखा था। सरकार ने नकली शहद पर कार्रवाई की है।

उन्होंने कहा कि गत वर्ष फरवरी मास में शहद में मिलावट के मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था। शहद उत्पादकों की समस्या से पहाड़ के शहद उत्पादक भी जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें प्रसन्नता है कि उनक इस दावे का अनुमोदन सैंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरनमैंट ने भी किया है। इस सैंटर ने भारत के खाद्य संरक्षण तथा मानक प्राधिकरण को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है कि देश की 13 नामी कंपनियों के शहद में मिलावट पाई गई है। मिलावट के लिए जो सिरप डाला जाता है, वह सिरप बदले नाम से फ्रुक्टोज या ग्लूकोज के नाम से मंगवाया जाता है।

एफएसएसएआई ने इस सारे मामले की जांच का आश्वासन दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा था कि मधुमक्खी पालक शहद उत्पादन के इस प्राकृतिक एवं आकर्षक व्यवसाय से विमुख हो रहे हैं। देश का शायद ही कोई ऐसा राज्य होगा जहां शहद उत्पादन नहीं होता है। इन राज्यों के लगभग अढ़ाई लाख से अधिक किसानों के अथक परिश्रम के कारण ही हमारे देश से वर्ष 2017-18 में 51,547 मीट्रिक टन शहद का निर्यात संभव हो पाया है। पिछले कुछ वर्षों से पड़ोसी देश चीन ने शहद बाजार में अपना वर्चस्व बनाए रखने की होड़ में नकली शहद के माध्यम से भारत के शहद बाजार में हस्तक्षेप किया है।

इस अप्रत्याशित स्थिति पर अंकुश लगाने के लिए निम्न उपायों की ओर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। चीन से जो 700-800 डॉलर प्रति टन का उत्पाद अंडर बिङ्क्षलग होकर देश के कस्टम पोर्ट पर 250-300 डॉलर प्रति टन आ रहा है जो 51 प्रतिशत कस्टम ड्यूटी अदा करके भारतीय बाजारों में सस्ते भाव पर बिक रहा है, इसे रोकने के लिए कम से कम टैरिफ  700 डॉलर प्रति टन निर्धारित किया जाए ताकि शहद की कीमतों में गिरावट न आए।

नकली शहद की मिलावट को रोकने के लिए एक्सपोर्ट इंस्पैक्शन कौंसिल ऑफ  इंडिया द्वारा 6 माह पूर्व 5.50 करोड़ रुपए की कीमत वाली एनएमआर न्यूक्लीयर मैग्नैटिक रेसोनैंस मशीन खरीदी गई थी, जिसका प्रयोग निर्यात की गुणवत्ता के नियंत्रण पर किया जाना था लेकिन इस मशीन का प्रयोग नहीं किया जा रहा है। इसी के चलते नकली शहद युक्त भारतीय शहद के निर्यात पर अंकुश नहीं लग रहा। उन्होंने कहा कि सरकार ने जो नकली शहद पर छापेमारी की है, उससे अब साबित हो गया है कि नामी-गिरामी कंपनियां जो शहद बनाती हैं, वे नकली सिरप इस्तेमाल करती हैं। सरकार की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि यह सही समय पर उठाया गया सही कदम है। 

Vijay