फर्जी प्रतिभागियों के नाम पर डकारी कौशल विकास की धनराशि, विजीलैंस ने दर्ज की FIR

Wednesday, Nov 10, 2021 - 10:54 PM (IST)

शिमला (राक्टा): प्रदेश में छात्रवृत्ति घोटाले के बाद अब अनुसूचित जाति के प्रतिभागियों के लिए हिमाचल कंसल्टैंसी ऑर्गेनाइजेशन (हिमकॉन) द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कौशल विकास कार्यक्रमों में वित्तीय गबन और सरकारी धन के हेरफेर का खुलासा हुआ है। मामले के अनुसार हिमकॉन ने जिला कुल्लू के निरमंड, जिला मंडी के करसोग व बरोट और जिला शिमला के नेरवा में वर्ष 2013-2014 के अंतर्गतफल प्रसंस्करण प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए। दस्तावेजों में दर्शाया गया कि कौशल विकास कार्यक्रमों के अंतर्गत प्रत्येक प्रशिक्षण स्थल पर 25 प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया गया था। प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम लिमिटेड ने 7 लाख रुपए की राशि मंजूर की थी। विजीलैंस ने जांच में पाया है कि धनराशि का दावा करने के लिए झूठे दस्तावेज व रिकार्ड तैयार किए गए। प्रशिक्षण कार्यक्रमों में दर्शाए गए कई प्रतिभागी भी फर्जी थे। खुलासा यह भी हुआ है कि कई प्रतिभागियों को वजीफे तक का भुगतान तक नहीं किया गया है और न ही उन्हें कोई प्रशिक्षण प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ है।

अधिकारियों से होगी पूछताछ

प्रदेश में कौशल विकास से जुड़े कार्यक्रमों को लागू करवाने के लिए हिमकॉन नोडल एजैंसी है। इसके माध्यम से अनुसूचित जाति से संबंधित अभ्यर्थियों को कौशल विकास के ट्रेनिंग कार्यक्रम चलाए जाते हैं। इसके लिए केंद्र का अनुसूचित जाति राष्ट्रीय वित्त एवं विकास निगम फंडिंग करता है। ऐसे में अब नोडल एजैंसी के अधिकारियों से पूछताछ का दौर शुरू होगा।

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Content Writer

Vijay