सदन में गूंजा अवैध खनन का मुद्दा, रीता धीमान बोलीं-‘नो माइनिंग जोन’ घोषित हो मंड क्षेत्र

punjabkesari.in Thursday, Aug 29, 2019 - 07:51 PM (IST)

इंदौरा (अजीज): इंदौरा विधानसभा क्षेत्र का भू-जल स्तर अत्यंत नीचे चला गया है। केंद्रीय भू-जल परिषद की रिपोर्ट ने क्षेत्र के लिए चेतावनी तक जारी करते हुए इसे डार्क जोन घोषित किया है। इसके लिए इंदौरा विधानसभा क्षेत्र की विधायक रीता धीमान अवैध खनन को उत्तरदायी मानती हैं और उन्होंने विधानसभा के मानसून सत्र में क्षेत्र में अवैध खनन के मुद्दे को उठाया। वह नियम 130 के अंतर्गत सदन के सदस्यों रामलाल ठाकुर, रमेश धवाला व विक्रम जरयाल द्वारा लाए गए उक्त विषय के प्रस्ताव पर चर्चा कर रही थी।

अवैध खनन से सूख रहे जल स्त्रोत

उन्होंने कहा कि इस विषय पर कई बार पहले भी सदन में चर्चा की जा चुकी है लेकिन वह चर्चा बनकर ही रह गई। रीता धीमान ने कहा कि अवैध खनन के कारण आने वाली पीढ़ी का भविष्य खतरे में है। उन्होंने इंदौरा के माजरा गांव का उदाहरण देते हुए कहा कि एक समय था जब वहां मकान बनाने के दौरान थोड़ा-सा गड्ढा खोदने पर ही पानी आ जाता था लेकिन चक्की खड्ड व आसपास के क्षेत्र में 100 से 150 फुट के अवैध खनन के चलते वहां बोरवेल, कुएं और बावडिय़ां आदि जल स्त्रोत सूख गए हैं।

मंड क्षेत्र की उपजाऊ भूमि के बंजर होने का सता रहा डर

उन्होंने खनन विभाग को भी आड़े हाथों लेते हुए विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाया कि वर्षों से वहां हो रहे अवैध खनन पर विभाग आंखें मूंदे क्यों सोया रहा। इसी तरह उन्होंने इंदौरा के मंड क्षेत्र का नाम लेकर कहा कि मंड क्षेत्र की भूमि इतनी उपजाऊ है कि पूरे प्रदेश को अन्न उपलब्ध करवाया जा सकता है लेकिन आज क्षेत्र में स्थापित 15 से 18 क्रशर उद्योगों के चलते उक्त उपजाऊ भूमि पर बंजर होने का खतरा मंडरा रहा है। विधायक ने यह भी कहा कि मंड क्षेत्र में 30 नए स्टोन क्रशर को स्वीकृति मिल चुकी है और उनके चलने पर क्षेत्र की क्या स्थिति होगी। इस ओर ध्यान दिया जाना चाहिए।

पुलिस व आरटीओ उलझाते हैं, कौन काटेगा चालान

विधायक ने चर्चा में कहा कि इंदौरा क्षेत्र की सड़कों की भार क्षमता 9 टन है जबकि वहां से 50-50 टन क्षमता के वाहन गुजरते हैं और इस बारे जब आरटीओ से बात करते हैं तो वे कहते हैं कि पुलिस से बात करें और जब पुलिस से बात की जाती है तो पुलिस कहती है कि पुलिस के पास इलैक्ट्रिक धर्मकांटा नहीं है, जिससे भार क्षमता आंक कर चालान किया जाए। उन्होंने कहा कि उन्हें बताया जाए कि ऐसे में प्रतिबंधित भारी मालवाहक वाहनों पर कारवाई कौन करेगा? उन्होंने मंड क्षेत्र को नो माइनिंग जोन घोषित करने की मांग विधानसभा के सत्र के दौरान की।


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Vijay

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