सरकार को अपने एशो-आराम की चिंता, कर्मचारियों काे वेतन देने के पैसे नहीं : राजेंद्र राणा

punjabkesari.in Thursday, Dec 10, 2020 - 03:27 PM (IST)

हमीरपुर (ब्यूराे): प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने आरोप लगाया है कि वर्तमान प्रदेश सरकार खुदगर्ज हो चुकी है, जिसे कोरोना काल में भी निरंतर सेवाएं दे रहे कर्मचारियों के वेतन देने से भी परहेज हो रहा है। जारी प्रैस विज्ञप्ति में उन्होंने कहा कि 3 वर्षाें में करोड़ों-अरबों का कर्ज ले चुकी सरकार केवल अपने एशो-आराम तक सीमित रह गई है।

परिवहन निगम के हजारों चालक व परिचालक इन दिनों समय पर वेतन न मिलने से परेशान व हताश हैं। यह वो वर्ग है जोकि कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच भी अपनी व अपने परिजनों की जान जोखिम में डालकर ईमानदारी से सेवाएं दे रहा है लेकिन समय पर वेतन मिलने की जगह महीने के आखिर में पिछले माह का वेतन नसीब हो रहा है।

उन्होंने सरकार से सवाल किया कि कोरोना योद्धा ऐसे कर्मचारियों को 'शाबाशी' न देकर किस जुर्म की सजा दे रही है तथा एक जैसी सेवाएं देने के बावजूद वेतन में असमानता अपनाकर भेदभाव क्यों किया जा रहा है। परिवहन निगम में ही टीएमपीए पर नियुक्त परिचालकों को 2 वर्षाें से महज 5500 रुपए सरकार दे रही है जबकि अनुबंध पर तैनात कर्मचारियों को 11000 रुपए दिए जा रहे हैं। इससे कर्मचारियों में ही भेदभाव की नीति से ऊपर-नीचे की खाई खोदी जा रही है।

उन्हाेंने कहा कि आमजन में विश्वास खो चुकी केंद्र व प्रदेश सरकार हमेशा से कर्मचारी विरोधी रही है तथा कर्मचारियों में आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। इन्हीं सरकारों की विचारधारा की उपज थी कि कर्मचारियों के लिए नई पैंशन स्कीम लागू कर पैंशन से महरूम कर दिया तथा करीब 17 वर्षाें से कर्मचारी ओल्ड पैंशन स्कीम की जंग लड़ रहे हैं।

उन्होंने सरकार को आगाह किया कि कर्मचारियों की अनदेखी बंद कर उन्हें बेवजह तंग न करे बल्कि उनकी समस्याओं को समझे व उनका निवारण करे अन्यथा कांग्रेस पार्टी कर्मचारियों के साथ खड़ी है तथा उनके साथ मिलकर सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों का विरोध जारी रहेगा।

 


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Vijay

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