हिमाचल में सीमैंट के दाम नियंत्रित करने के लिए बनेगा कानून : विक्रम ठाकुर

punjabkesari.in Thursday, Jul 09, 2020 - 08:09 PM (IST)

शिमला (ब्यूरो): उद्योग मंत्री विक्रम सिंह ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार सीमैंट के दाम नियंत्रित करने के लिए कानून बना रही है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिससे सीमैंट के दाम को नियंत्रित किया जा सके। राज्य में कोरोना काल के दौरान सीमैंट के दाम में करीब 50 रुपए प्रति बैग तक की बढ़ौतरी हुई है। उद्योग मंत्री ने यह बात पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कही।

केंद्र से मिले पैकेज का लाभ हिमाचल प्रदेश को भी मिला

उन्होंने कहा कि केंद्र से राज्यों को मिले पैकेज का लाभ हिमाचल प्रदेश को भी मिला है। इसके तहत प्रदेश में एमएसएमई उद्यमियों को बैंक के माध्यम से करीब 1250 करोड़ रुपए का ऋ ण इस आर्थिक पैकेज के अंतर्गत वितरित किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि देश में माइक्रो फूड प्रोसैसिंग यूनिट के तहत 35,000 करोड़ रुपए निवेश का प्रस्ताव है। हिमाचल प्रदेश में भी वन डिस्ट्रिक-वन प्रोडक्ट के तहत ऐसी 1191 इकाइयों को स्थापित करने का प्रस्ताव है। इसके लिए आगामी 5 वर्ष तक 50 फीसदी परिवहन सबसिडी देने की भी योजना है।

अब तक 85 फीसदी उद्योगों में काम शुरू

उन्होंने कहा कि राज्य में अब तक 85 फीसदी उद्योगों में काम शुरू हो चुका है, जिसमें फार्मा उद्योग के अलावा फूड प्रोसैसिंग यूनिट शामिल है। इसी तरह बल्क ड्रग पार्क की स्थापना के लिए सोलन और ऊना जिला में जगह को चिन्हित किया गया है, जिसमें से एक स्थान पर इसकी स्थापना की जाएगी। इससे उद्योगों को प्रदेश में ही रॉ-मैटीरियल उपलब्ध हो सकेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश से गए मजदूर वापस आने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि अब 200 करोड़ रुपए तक ग्लोबल टैंडर नहीं होगा, जिससे प्रदेश को लाभ मिलेगा।

रिहायश या काम न करने पर कैंसिल होंगे प्लॉट

मंत्री ने कहा कि उद्योग लगाने के लिए दिए गए प्लॉट को रिहायश या काम न करने की स्थिति में उसे कैंसिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसी शिकायतें मिलने पर नियमानुसार कार्रवाई होगी।

चीन से पलायन करने वाले उद्योगों पर सरकार की नजर

मंत्री ने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कहा कि चीन से पलायन करने वाले उद्योगों पर प्रदेश सरकार की नजर है। उन्होंने कहा कि ऐसे कई उद्योग देश में आना चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इन्वैस्टर मीट के माध्मय से आए निवेश को जमीन पर उतारने के लिए सरकार प्रयास कर रही है।


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Vijay

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