नोटों को दीवारों में नहीं चिपकाया, पाइपें बिछाई गईं, गड़बड़ी का सवाल ही नहीं : महेंद्र सिंह

Tuesday, Mar 16, 2021 - 10:34 PM (IST)

शिमला (राक्टा): जल जीवन मिशन प्रोजैक्ट एक साल के लिए नहीं है बल्कि 5 साल का प्रोजैक्ट है। जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने मंगलवार को विधानसभा में विपक्ष द्वारा सिंचाई, जलापूर्ति व सफाई को लेकर लाए गए कटौती प्रस्ताव पर हुई चर्चा के जवाब में उक्त बात कही। उन्होंने कहा कि अगर कहीं ज्यादा काम हुआ है तो ऐसा नहीं कि वहां पर नोटों को दीवार पर चिपकाया गया है, वहां पर पाइपें बिछाई गई हैं। उन्होंने कहा कि मिशन के तहत भारत सरकार की गाइडलाइन्स के अनुसार टैंडर किए गए हैं और अधिकारियों व कर्मचारियों ने जिस तेजी से काम किया, उसी की बदौलत हिमाचल को इसमें इंसैंटिव दिया गया है। ऐसे में गड़बड़ी को कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है। जवाब देने के बाद उन्होंने कटौती प्रस्ताव को वापस लेने का आग्रह किया, लेकिन विपक्ष ने इंकार कर दिया, ऐसे में सत्तापक्ष के बहुमत से कटौती प्रस्ताव गिर गया।

विपक्ष के आरोप निराधार

इससे पूर्व अपने जवाब में महेंद्र सिंह ठाकुर ने जल जीवन मिशन के तहत प्रदेश के सिर्फ धर्मपुर और सिराज विधानसभा हलकों में ही अधिकांश खर्च करने के विपक्ष के आरोपों को निराधार करार दिया। उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्रों के लिए टैंडर हुए हैं और विधानसभा क्षेत्रों की भौगोलिक परिस्थितियों को इसमें देखा गया है। उन्होंने कहा कि हरोली का मुकाबला सिराज से नहीं हो सकता, इसी तरह से प्रदेश के दूसरे कठिन क्षेत्र हैं, जहां की आबादी को देखकर टैंडर किए जाते हैं। उन्होंने दावा किया कि जल जीवन मिशन में ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, किन्नौर और लाहौल-स्पीति सहित अन्य जिलों को उच्च प्राथमिकता दी गई है। जल शक्ति मंत्री ने कहा कि केेंद्र की मोदी सरकार ने हिमाचल के लिए 90:10 के अनुपात में योजनाओं की स्वीकृति बहाल की है, जिसे पूर्व सरकार के समय में बंद कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि इस वर्ष बहुत कम वर्षा व बर्फबारी होने से राज्य में स्थिति अलाॄमग वाली है। इससे निपटने के लिए सभी को मिलजुल कर प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में संभावित सूखे को देखते हुए विभाग ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं।

30 हजार कर्मियों की कमी, पूर्व सरकार ने 1700 पद डाइंग काडर में डाले

जल शक्ति मंत्री ने कहा कि विभाग में 30 हजार कर्मचारियों की कमी है, जबकि पूर्व सरकार ने 1700 पदों को पूर्व डाइंग काडर में डाल दिया था, जिससे आज बड़ी परेशानी खड़ी हो चुकी है। उन्होंने दावा किया कि विभाग ने प्रदेश में 13 बड़ी पेयजल योजनाओं की डीपीआर तैयार कर इनके टैंडर कर दिए हैं।

ऐसी जमात, जो एक-दूसरे के कपड़े फाड़ती है

विपक्ष के सवालों पर जवाब देते हुए महेंद्र सिंह ने कहा कि यहां पर एक ऐसी जमात है, जो एक-दूसरों के कपड़े फाड़ती है, लेकिन वह ऐसा नहीं करेंगे। विदेशी प्रोजैक्टों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि ब्रिक्स के तहत 13 टैंडर कर दिए गए हैं, जिसमें नाहन, जुब्बल, देहरा, नगरोटा, इंदौरा, नूरपुर, थुरल, ज्वाली, द्रंग व बल्ह के लिए 330 करोड़ के टैंडर हुए हैं। एडीबी से 187 स्कीमों को मंजूरी मिली जो केवल धर्मपुर या सिराज के लिए नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के लिए है। एएफडी में मनाली की सीवरेज योजना के अलावा करसोग, पालमपुर, बिलासपुर, नाहन की योजनाओं को मंजूरी मिली है।

आऊटसोर्स कर्मचारी 6 घंटे ही करेंगे काम

महेंद्र सिंह ठाकुर ने आगामी वित्तीय वर्ष में जल शक्ति विभाग में 4 हजार विभिन्न श्रेणियों के कर्मचारियों के पद भरे जाएंगे। उन्होंने कहा कि विभाग में लगे आऊटसोर्स कर्मचारियों को पैरा फीटर व पैरा पंप ऑप्रेटरों के पदों पर लगाने की मंजूरी कैबिनेट से ली जा चुकी है। अभी भी आऊटसोर्स कर्मचारियों के लिए जो एग्रीमैंट किया गया है, उसमें वह 6 घंटे ही काम करेंगे।

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Vijay