प्रतिबंध के बाद भी खुलेआम बेची जा रही Mineral Water की बोतलें

Wednesday, Oct 09, 2019 - 04:12 PM (IST)

शिमला (जस्टा): आई.जी.एम.सी. में प्रशासन के नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। हद तो यह है कि प्रशासन ने अस्पताल में मिनरल वाटर की बोतलें न बेचने पर रोक लगाई है। बावजूद इसके अस्पताल के पास कैंटीनों और दुकानों में खुलेआम मिनरल वाटर की बोतलें बिक रही है। प्रशासन ने अस्पताल के पास कैंटीनों और दुकानदारों को सख्त निर्देश दिए थे, कि पुराने स्टॉक को शीघ्र ही खत्म कर दिया जाए, लेकिन अब निर्देश देेने के बाद एक माह बित चुका है। अभी भी मिनरल वाटर की बोतले बिक रही है। बताया जा रहा है कि यहां पर दोबारा से स्टॉक मंगवा जा रहा है। इसकी और प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है। प्रशासनिक अधिकारी द्वारा सिर्फ यहीं निर्देश दिए जा रहे है कि स्टॉक दोबारा न मंगवाए।  

उल्लेखनीय है कि आई.जी.एम.सी. प्रशासन ने प्लास्टिक फ्री होने के चलते मिनरल वाटर की बोतले बेचने पर रोक लगाई है। प्रशासन का दावा है कि अस्पताल प्लास्टिक फ्री हो जाएगा और लोगों को बीमारी भी खतरा नहीं रहेंगा। अस्पताल में अक्सर देखा जाता है कि खाली बोतले इधर से उधर पड़ी रहती है, जिससे अस्पताल में गंदगी फैल जाती है, लेकिन अब प्रशासन के सब दावें खोखले नजर आ रहे है। प्रशासनिक अधिकारी का कहना था कि आई.जी.एम.सी. में वाटर ए.टी.एम. लगा है। अब मरीजों और तीमारदारों को वाटर ए.टी.एम. से स्वच्छ जल मिलेंगा, लेकिन कैंटीन और दुकानदार की कमाई के चलते मिनरल वाटर की बोतलों को बेचना बंद नहीं कर रहे है। अगर दुकानदार मिनरल वाटर को बेचना बंद करते है तो उनकी इनकम पर भी असर पड़ जाएगा। 

अब देखना यह है कि अस्पताल कब प्लास्टिक फ्री होगा। यहां पर सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि जब प्रशासन ने मिनरल वाटर पर रोक लगाई है तो क्यों बंद नहीं किया जा रहा है। इससे तो साफ जाहिर है कि प्रशासन भी कार्रवाई करने को लेकर गंभीर होता नजर नहीं आ रहा है। प्रशासन ने अगर मिनरल वाटर को बेचने पर रोक लगाई है तो कैंटीन और दुकानदारों को नोटिस जारी कर दिए जाने चाहिए और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

वाटर ए.टी.एम. से मुंह फेर रहे लोग 

आई.जी.एम.सी. में जो वाटर ए.टी.एम. स्थापित किया गया है। उसे मरीज और तिमारदार मुंह फेर रहे हैं, जबकि प्रशासन ने मरीजों और तीमारदरों की सुविधा के लिए ही ए.टी.एम. को स्थापित किया है। प्रशासनिक अधिकारी ने मरीजों और तीमारदरों से आग्रह किया है कि वे पैसों से मिनरल वाटर की बोतलें न खरीदकर वाटर ए.टी.एम. का प्रयोग करें। ए.टी.एम. में बिल्कुल स्वच्छ जल मिल रहा है। मरीज और तिमारदार पैसे देकर ही मिनरल वाटर को खरीद रहे हैं। प्रशासन का दावा है कि जो वाटर ए.टी.एम. से पानी का पैसा जमा होना है उसे गरीबों को दिया जाएगा। अस्पतालों में कई गरीब लोग आते हैं, जिनके पास पैसे नहीं होते हैं। 

Ekta