खुशखबरी: मिड डे मील वर्करों को अब 10 नहीं पूरे 12 माह मिलेगा वेतन

Saturday, Nov 09, 2019 - 12:20 PM (IST)

शिमला (ब्यूरो): प्रदेश के सरकारी स्कूलों में हजारों की संख्या में तैनात किए गए ‘मिड-डे मील वर्कर्ज’ को हाई कोर्ट ने 10 के बजाय 12 महीने का वेतन दिए जाने के आदेश दिए हैं। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने शिक्षा विभाग को आदेश दिए हैं कि वह ‘मिड-डे मील वर्कर्ज’ को पूरे साल का वेतन दें। इससे पहले शिक्षा विभाग ‘मिड-डे मील वर्कर्ज’ को 10 महीनों का वेतन देता था। हिमाचल प्रदेश मिड-डे मील वर्कर्ज यूनियन द्वारा दायर याचिका को स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने उक्त आदेश पारित किए हैं।

प्रार्थी यूनियन ने अदालत से गुहार लगाई थी कि शिक्षा विभाग को आदेश दिए जाएं कि ‘मिड-डे मील वर्कर्ज’ को 10 महीनों के बजाय 12 महीनो का वेतन दिया जाए। याचिका में आरोप लगाया गया था कि शिक्षा विभाग प्रार्थी यूनियन के साथ भेदभाव कर रहा है। शिक्षा विभाग में कार्यरत गैर-शिक्षक कर्मचारियों को भी पूरे साल का वेतन दिया जाता है लेकिन उन्हें 10 ही महीनों का वेतन दिया जा रहा है। हाईकोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि शिक्षा विभाग ‘मिड-डे मील वर्कर्ज’ के साथ भेदभाव नहीं कर सकता, इसलिए यह संविंधान के अनुच्छेद 14 का सरासर उल्लंघन है।

हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनाए गए निर्णय का हवाला देते हुए कहा कि ‘मिड-डे मील वर्कर्ज’ 10 के बजाय 12 महीनों के वेतन के हकदार हैं। अदालत ने अपने निर्णय में कहा कि जब शिक्षा विभाग शिक्षक और गैर-शिक्षकों को भी हजारों रुपए पूरे साल अदा करता है तो उस स्थिति में शिक्षा विभाग ‘मिड-डे मील वर्कर्ज’ के साथ भेदभाव नहीं कर सकता। अदालत ने शिक्षा विभाग को आदेश दिए हैं कि वह ‘मिड-डे मील वर्कर्ज’ को भी 10 के बजाय 12 महीनों का वेतन अदा करे।

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