कांगड़ा भूकंप त्रासदी पर शिमला में Memory Walk, स्कूली बच्चों ने दिया यह संदेश

Thursday, Apr 04, 2019 - 01:17 PM (IST)

शिमला (योगराज): 4 अप्रैल 1905 के विनाशकारी कांगड़ा भूकंप की याद में जिला प्रशासन शिमला ने रिज मैदान पर एक मेमोरी वॉक आयोजित की। जिसको डीसी शिमला राजेश्वर गोयल ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उपायुक्त शिमला राजेश्वर गोयल ने बताया कि वॉक के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है साथ ही भूकंप में मृतकों को श्रद्धांजलि भी दी। शिमला में जिस तरह की इमारतें बनी है वह भूकंप के खतरे को बढ़ा रही है। इसलिए जागरूक होना जरूरी है। 1905 में कांगड़ा में आए भीषण भूकंप में जहां जिला में जानमाल सहित कई भवन क्षतिग्रस्त हुए थे, वहीं जिला के 2 भवन सुरक्षित रह गए थे। 

इन भवनों को यह भीषण भूकंप जरा भी नहीं हिला पाया था। इनमें एक जिला कांगड़ा का अंग्रेजों द्वारा निर्मित ट्रेजरी कार्यालय और दूसरा तारा देवी का मंदिर था। ये दोनों इमारतें न तो गिरी और न ही इनमें कोई दरार तक आई। भूकंप ने सब कुछ तहस-नहस कर दिया था और 20 हजार लोगों की जिंदगियां छीन ली थी। भूवैज्ञानिकों के अनुसार कांगड़ा घाटी के भूकंप के 2 केंद्र थे। एक केंद्र कांगड़ा-कुल्लू और दूसरा मसूरी-देहरादून इलाके में था। इस भूकंप से कई जगह भूस्खलन हुए, चट्टानें गिर गईं। धर्मशाला कस्बे की सारी की सारी इमारतें जमींदोज हो गई थीं। मैक्लोडगंज और कांगड़ा में ज्यादातर इमारतें ध्वस्त गईं थीं। ब्रिटिश गजेटियर के अनुसार कुल्लू-मनाली, शिमला, सिरमौर और देहरादून तक इस भूकंप ने अपनी विनाशलीला दिखाई थी।

Ekta