अश्विन नवरात्र मेले को लेकर 9 सैक्टरों में बांटा नयनादेवी, भिक्षावृत्ति पर रहेगा पूर्ण प्रतिबंध

Thursday, Sep 19, 2019 - 06:44 PM (IST)

बिलासपुर (मुकेश): विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री नयनादेवी में 29 सितम्बर से 8 अक्तूबर तक आयोजित होने वाले आश्विन मेले के दौरान भिक्षावृत्ति पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा और भिखारियों को कोला बाला टोबा से आगे नहीं आने दिया जाएगा। अश्विन नवरात्रों के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा। इस बार एक और अहम फैसला लिया गया है, जिसके तहत श्रद्धालुओं को लाइनों में एलईडी के माध्यम से भी माता जी के दर्शन होते रहेंगे और इसके लिए मंदिर न्यास और जिला प्रशासन ने पूरी तरह से प्रारूप तैयार कर लिया है। यह बात जिलाधीश बिलासपुर राजेश्वर गोयल ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए मंदिर न्यास के भवन मातृ आंचल में एक महत्वपूर्ण बैठक के उपरांत कही। इससे पहले मंदिर न्यास के भवन मातृ आंचल में जिला प्रशासन की और मंदिर न्यास की मेला प्रबंधों को लेकर एक अहम बैठक संपन्न हुई, जिसमें कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। हालांकि इस बैठक की अध्यक्षता जिलाधीश बिलासपुर राजेश्वर गोयल ने की और इस बैठक में विशेष रूप से जिला पुलिस अधीक्षक साक्षी वर्मा भी मौजूद रहीं।

कोला वाला टोबा सीमा से आगे नहीं जाएंगे मालवाहक वाहन

जिलाधीश बिलासपुर ने बताया कि मेले के दौरान इस बार भी मंदिर न्यास और जिला प्रशासन बेहतर सुविधाएं प्रदान करने की वचनबद्ध है और बाहरी राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाएगा। इस बार भी ट्रैफिक व्यवस्था पर पूरा ध्यान दिया जाएगा, जिसके चलते कोला वाला टोबा सीमा से आगे हिमाचल प्रदेश में बड़े वाहनों मालवाहक वाहनों का आना प्रतिबंध रहेगा। इस बार जो भी ट्रैक्टर, ट्रक, टैम्पो सवारियां लेकर आएंगे वे हिमाचल सीमा में प्रवेश नहीं कर पाएंगे, उन्हें कोला बाला टोबा में ही रोक दिया जाएगा। यात्री हिमाचल प्रदेश सीमा से मंदिर तक बसों द्वारा और छोटी गाड़ी में पहुंचेंगे। इसके अलावा मंदिर के अंदर कड़ाह  प्रसाद और नारियल चढ़ाने पर भी सुरक्षा की दृष्टि से प्रतिबंध रहेगा। मेले के दौरान मेला क्षेत्र को 9 सैक्टरों में विभाजित किया जाएगा, जिसमें 5 सैक्टर मैजिस्ट्रेट नियुक्त किए जाएंगे। आश्विन मेलों के दौरान एसडीएम स्वारघाट सुभाष गौतम को मेला अधिकारी तथा डीएसपी संजय शर्मा श्री नयनादेवी जी को पुलिस मेला अधिकारी नियुक्त किया गया है। उन्होंने बताया कि तहसीलदार सहायक मेला अधिकारी होंगे।

600 से ज्यादा कर्मी संभालेंगे सुरक्षा का जिम्मा

जिलाधीश ने बताया कि मेले के दौरान माता जी के दर्शन के लिए मुख्य मंदिर सुबह 2 बजे से लेकर रात 12 बजे तक खुला रहेगा। मात्र 2 घंटे के लिए आरती के लिए मंदिर बंद होगा और श्रद्धालुओं को 22 घंटे माता जी के दर्शन नवरात्र के दौरान होते रहेंगे। उन्होंने बताया कि ज्यादा भीड़ होने पर श्रद्धालुओं को छोटे-छोटे समूहों में मंदिर भेजा जाएगा ताकि माता जी के दर्शन कर सकें। मेले के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए 600 से ज्यादा होमगार्ड पुलिस कर्मी, एक्स सर्विस मैन  तैनात किए जाएंगे और सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए मंदिर के मुख्य द्वार के पास डीएफएमडी गेट तैनात किए गए हैं और मैटल डिटैक्टर द्वारा श्रद्धालुओं के सामान की चैकिंग की जाएगी।

सफाई, चिकित्सा व पानी की सुविधा पर होगा पूरा ध्यान

उन्होंने इस बार भी सफाई व्यवस्था का पूरा ध्यान रखा जाएगा, जिसके लिए नगर परिषद को कड़े निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को मेले के दौरान खाद्य वस्तुओं का पूर्ण भंडारण सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए हैं कि मेले के दौरान स्थापित किए जाने वाले स्वास्थ्य सहायता कक्षों में पर्याप्त मात्रा में दवाइयों का भंडारण, उपकरणों की उपलब्धता करवाने के लिए समयबद्ध सूची भेजना सुनिश्चित करें। इसके अतिरिक्त चिकित्सक, फार्मासिस्ट की तैनाती को सुनिश्चित बनाएं। उन्होंने मेले के दौरान पेयजल व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए आईपीएच विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए। इस बैठक में एसडीएम मंदिर न्यास के अध्यक्ष सुभाष गौतम, मंदिर अधिकारी हुसन चंद, मंदिर न्यास के सहायक अभियंता प्रेम शर्मा और नगर परिषद अध्यक्ष मनीष शर्मा सहित अन्य अधिकारी विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।

Vijay