मिस्त्री ने पंचायत प्रतिनिधियों पर जड़ा आरोप, 500 का वायदा कर थमाई 217 रुपए दिहाड़ी

Thursday, Jul 18, 2019 - 05:08 PM (IST)

जोगिंद्रनगर: मिस्त्री का कार्य कर अपने परिवार का पेट पाल रहे अमर सिंह का आरोप है कि उससे पंचायत ने मिस्त्री की दिहाड़ी दिलवाने का झांसा देकर काम तो जमकर करवा लिया लेकिन जब उसके हिसाब-किताब की बारी आई तो उसे दिहाड़ीदार की दिहाड़ी उसके खाते में डलवा कर घर भेज दिया। अब जब अमर सिंह जुबान के अनुसार अपनी मेहनत पंचायत से मांग रहा है तो पंचायत प्रतिनिधि उसे महीनों से टरका रहे हैं तथा उसे अदालत में जाने का सुझाव दिया जा रहा है। अमर सिंह का कहना है कि उसने पंचायत के विभिन्न निर्माण कार्यों में 136 दिन मिस्त्री का कार्य किया, जिसके 65,200 रुपए बनते हैं लेकिन उसके खाते में केवल 34,364 रुपए आए हैं तथा 30,836 रुपयों पर पंचायत कुंडली मार कर बैठी हुई है।

यह है मामला

दारट पंचायत को मनरेगा के तहत जब निर्माण कार्यों के लिए मिस्त्री की जरूरत पड़ी तो प्रतिनिधि अमर सिंह की शरण में आए। नियमानुसार तब मनरेगा में मिस्त्री की मात्र 218 रुपए दिहाड़ी देने का प्रावधान था, ऐसे में अमर सिंह ने काम करने से मना कर दिया। जब समझाने-बुझाने का दौर चला तो अमर सिंह को आश्वासन दिया गया कि उसे कागजों में भले ही कम दिहाड़ी मिलेगी लेकिन उसका हिसाब 500 रुपए दिहाड़ी से ही किया जाएगा। बाद में अमर सिंह को मात्र 218 रुपए दिहाड़ी देकर निपटा दिया गया।

अब डी.सी. के पास जाकर गुहार लगाएगा अमर सिंह

अमर सिंह विकास खंड अधिकारी से लेकर एस.डी.एम. तक के चक्कर काट-काट कर थक गया है। अमर सिंह का कहना है कि वह अपने काम का माहिर मिस्त्री है तथा उसे किसी भी कीमत पर उक्त दिहाड़ी पर कार्य करने की जरूरत नहीं लेकिन पंचायत प्रतिनिधियों ने उसके साथ धोखा किया। पंचायत ने उसके पेट पर लात मारी तथा उसकी गरीबी का मजाक उड़ाया। वह अपने हक के लिए लड़ाई लड़ेगा तथा डी.सी. के पास जाकर गुहार लगाएगा।

क्या बोले पंचायत के सचिव

दारट बगला पंचायत के सचिव रमेश कुमार ने बताया कि अमर सिंह के मनरेगा के तहत किए गए सभी कार्यों के भुगतान पंचायत की ओर से कर दिए गए हैं। एस.डी.एम. जोगिंद्रनगर को भी रिपोर्ट सौंप दी है। आजकल मनरेगा के मिस्त्री को 217 रुपए के हिसाब से भुगतान किया जाता है।

Vijay