पानी व सीवरेज के मुद्दे पर गर्माया एमसी हाऊस, पार्षदों ने जल प्रबंधन कंपनी के खिलाफ खोला मोर्चा

Friday, Oct 29, 2021 - 10:47 PM (IST)

शिमला (वंदना): शिमला में जलापूर्ति का जिम्मा संभाल रही जल प्रबंधन कंपनी की कार्यप्रणाली दोबारा से सवालों के घेरे में आ गई है। नगर निगम पार्षदों ने शहर में नियमित पानी की आपूर्ति न होने और सीवरेज प्रोजैक्ट के काम को लटकाने को लेकर कंपनी प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शुक्रवार को नगर निगम की मासिक बैठक में तीसरे दिन भी शहर में जलापूर्ति नहीं होने को लेकर पार्षदों ने जमकर हंगामा किया। साथ ही निगम पार्षद दिवाकर देव शर्मा के साथ कंपनी के अधिकारी द्वारा बदतमीजी करने पर पार्षदों ने सदन को घेरा। इस दौरान सभी पार्षदों ने एकजुट होकर दुर्व्यवहार करने वाले अधिकारी के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की तथा उक्त अधिकारी को हाऊस में तलब करने पर अड़े रहे। हालांकि उक्त अधिकारी शुक्रवार को सेवानिवृत्त हो गया है।

मेयर ने नगर निगम आयुक्त को दिए सख्त कार्रवाई के आदेश

वहीं मेयर सत्या कौंडल ने मामले पर नगर निगम आयुक्त को सख्त कार्रवाई करने के आदेश देते हुए उक्त अधिकारी के लंबित ड्यूज पर माफी नहीं मांगने तक रोक लगाने के आदेश दिए हैं। मेयर ने कहा कि अधिकारी पार्षदों के साथ दुर्व्यव्हार नहीं कर सकते हैं, ऐसे में उक्त अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं मामले को लेकर गुस्साए पार्षदों को शांत करते हुए नगर निगम आयुक्त आशीष कोहली ने कहा कि कंपनी के अधिकारी द्वारा पार्षद के साथ बदतमीजी करना बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है। इस मामले को लेकर नगर निगम मुख्य सचिव, जल शक्ति विभाग के सचिव और जल प्रबंधन कंपनी के प्रबंध निदेशक को पत्र लिखकर अवगत करवाएगा, ताकि भविष्य में कोई भी अधिकारी इस तरह की हरकत न कर सके।

कंपनी गुपचुप तरीके से बेच चुकी है नगर निगम का करोड़ों का कबाड़

वहीं पार्षद आरती चौहान, किरण बावा, आनंद कौशल, दिवाकर देव शर्मा सहित अन्य पार्षदों ने शहर में पानी की नियमित आपूर्ति नहीं होने को लेकर सदन में हंगामा किया। पार्षदों ने कहा कि लोगों को तीसरे दिन भी पानी नहीं मिल पा रहा है और न ही सीवरेज का काम कंपनी समय पर कर रही है। इससे जनता को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पार्षद दिवाकर देव ने कहा कि कंपनी गुपचुप तरीके से नगर निगम का करोड़ों का कबाड़ बेच चुकी है, जिस पर सालों से कोई कार्रवाई नहीं की गई है और अब पार्षदों के साथ अधिकारी बदतमीजी कर रहे हैं, जिसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पार्षद ने कहा कि कंपनी ने मज्याठ में पानी की कमी को दूर करने के लिए अतिरिक्त पानी देने का आश्वासन दिया था, लेकिन कंपनी अब पानी की आपूर्ति नहीं दे रही है। इससे टुटू मज्याठ में पानी की समस्या उत्पन्न हो गई है।

कंपनी के एसटीपी के कारण दूषित हुए विभाग के जल स्त्रोत

कंपनी के एसटीपी के कारण विभाग के जल स्त्रोत दूषित हुए हैं। इससे विभाग के जल स्त्रोतों से पानी लिफ्ट नहीं किया जा रहा है। इससे क्षेत्र में पानी की किल्लत पैदा हो गई है, जबकि कंपनी ने 2.70 लाख लीटर पानी रोजाना देने का आश्वासन दिया था। ऐसे में कंपनी प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जानी चाहिए। वहीं वाटर कनैक्शन को मर्ज किया जाना था। कंपनी की ओर से अब तक इस पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। सदन में पार्षदों ने कंपनी की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए कार्रवाई की मांग की है।

आऊटसोर्स पर रखे कर्मचारियों का गुपचुप तरीके से वेतन बढ़ाने पर गर्माया सदन, पार्षदों ने मांगी डिटेल

शुक्रवार को हुई नगर निगम की मासिक बैठक हंगामेदार रही। पार्षद आरती चौहान ने सदन में सवाल उठाया कि नगर निगम प्रशासन कूड़े के शुल्क में 10 फीसदी बढ़ौतरी करने का प्रस्ताव हाऊस में लाता है, लेकिन आऊटसोर्स पर रखे गए कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि गुपचुप तरीके से कर रहा है। इस पर सदन गर्माया रहा। आरती चौहान ने निगम अधिकारियों पर आरोप लगाया कि कुछ अधिकारी अपने चहेते आऊटसोर्स कर्मचारियों का वेतन गुपचुप तरीके से बढ़ा रहे हंै। आरती ने कहा कि 8 से 10 हजार रुपए लेने वाले आऊटसोर्स कर्मियों को 25 से 30 हजार रुपए वेतन दिया जा रहा है। पार्षद ने निगम में सभी आऊटसोर्स कर्मियों के डिटेल वेतन सहित सदन के समक्ष पेश करने की मांग की है, ताकि ऐसे कर्मियों व अधिकारियों पर कार्रवाई अमल में लाई जा सके। पार्षद ने अफसरों पर चहेतों को लाभ देने का आरोप लगाया है। वहीं मेयर सत्या कौंडल ने प्रशासन को अगली बैठक में सभी आऊटसोर्स कर्मियों की लिस्ट पेश करने के आदेश दिए हैं। निगम आयुक्त ने ऐसा कोई मामला उनके ध्यान में नहीं होने की बात कही।

कैथू में शुल्क देने पर भी नहीं मिल रही पार्किंग सुविधा, सदन ने दिए जांच के आदेश

कैथू में पार्किंग शुल्क देने पर भी व्यक्ति को वाहन पार्क करने की सुविधा पिछले सात महीनों से नहीं मिल रही है। व्यक्ति की ओर से निगम को एडवांस में पेमैंट की गई है, लेकिन उसकी जगह पर कोई और ही वाहन पार्क कर रहा है। वार्ड पार्षद सुनील धर ने सदन में मामले को उठाते हुए उचित कार्रवाई की मांग की। पार्षद ने कहा कि नगर निगम प्रशासन को बार-बार अवगत करवाने पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। ऐसे में उक्त व्यक्ति की पिछले सात महीनों की राशि को वापस किया जाना चाहिए। इस पर निगम आयुक्त आशीष कोहली ने जांच के आदेश दिए हैं। आयुक्त ने संपदा शाखा को मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। इसके बाद ही मामले पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं पार्षद इंद्रजीत सिंह ने कहा कि ऐसा ही मामला उनके वार्ड लोअर बाजार में भी पेश आया है। प्रशासन को इस पर भी कार्रवाई करनी चाहिए।

राजीव आवास योजना के तहत गरीबों को जल्द मिलेंगे आवास

कृष्णानगर में राजीव आवास योजना के तहत गरीबों के लिए बनाए गए आवास जल्द ही आबंटित किए जाएंगे। यहां पर 64 यूनिट्स बनाए जाने हैं। आयुक्त ने सदन को अवगत करवाया कि यहां पर 48 यूनिट्स बनकर तैयार हो गए हैं, जबकि 16 मकान निगम कर्मचारियों को अस्थायी तौर पर दिए गए हैं। शेष का काम चल रहा है, वहीं पार्षदों ने हिमुडा के तहत शहर में किए जा रहे कार्यों की रिपोर्ट सदन में पेश करने की मांग की है। मेयर ने हिमुडा अधिकारियों को अगली बैठक में रिपोर्ट के साथ पेश होने के निर्देश दिए हैं।

बैठक में ये भी लिए गए निर्णय

नगर निगम की बैठक में ढली टनल के समानांतर एक और टनल बनने को लेकर चिल्ड्रन पार्क को दूसरी जगह पर शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा टनल के निर्माण के लिए पेड़ों को हटाने के लिए विभाग को कानूनी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए एनओसी देने को मंजूरी दी गई। वहीं कामकाजी महिला होस्टल संजौली में आऊटसोर्स के आधार पर वार्डन की तैनाती की जाएगी। वहीं समरहिल में बने सामुदायिक भवन के टैंडर नहीं होने तक इसे 15 हजार रुपए प्रतिदिन के हिसाब से लोगों की डिमांड पर किराए पर देने का निर्णय लिया गया है।

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Content Writer

Vijay