नगर निकाय चुनाव : राज्य व केंद्र की सत्ता के साथ चली कुल्लू की जनता

punjabkesari.in Monday, Jan 11, 2021 - 12:32 AM (IST)

कुल्लू (शम्भू प्रकाश): नगर निकाय चुनाव में कुल्लू जिला की जनता राज्य की सत्ता के साथ चली है। केंद्र में भी भाजपा की ही सत्ता होने के कारण जनता का झुकाव भाजपा की तरफ ही रहा। कांग्रेस को कुल्लू जिला में बड़ा झटका लगा है। नगर पंचायत बंजार में कांग्रेस से अध्यक्ष पद गद्दी छिन गई। इससे पहले बंजार में नगर पंचायत पर कांग्रेस का कब्जा था। अब बंजार में 7 वार्डों में से 4 पर भाजपा जीती है। एक आजाद प्रत्याशी की जीत हुई। कांग्रेस को 2 वार्डों में जीत मिली। कुल्लू नगर परिषद में भाजपा समर्थित 3 प्रत्याशियों की जीत हुई है जबकि भाजपा के तीन बागियों ने भी जीत दर्ज की। एक कामरेड विचारधारा के प्रत्याशी की जीत हुई। कांग्रेस समर्थित 3 प्रत्याशी जीते और एक सीट पर कांग्रेस बागी ने बाजी मारी है। ऐसे में कुल्लू नगर परिषद में सिंहासन की चाबी बागियों व अन्यों के हाथ में चली गई है। यहां पर सिंहासन के लिए जोड़ तोड़ का क्रम शुरु हो गया है।

हालांकि सत्तासीन भाजपा गद्दी के लिए जी जान झोंक देगी और बागियों को साथ मिलाकर नगर परिषद पर कब्जा करने की फिराक में है। कांग्रेस भाजपा को मात देकर सिंहासन पर लगातार विराजमान रहने के लिए जोर लगा रही है। भुंतर में नगर पंचायत की सात सीटों में 5 पर भाजपा समर्थित प्रत्याशी जीते हैं और 2 सीटों पर भाजपा बागियों ने कब्जा किया है। भुंतर नगर पंचायत में अध्यक्ष पद पर दोबारा भाजपा ही काबिज हो गई। मनाली नगर परिषद के 7 वार्डों में से 5 पर भाजपा समर्थित प्रत्याशियों की जीत हुई जबकि दो पर कांग्रेस जीती, ऐसे में मंत्री गोविंद के घर में नगर परिषद का अध्यक्ष पर भाजपा के हाथ में रहा।

पिछले कार्यकाल में मनाली नगर परिषद में अध्यक्ष पद पर अढाई साल कांग्रेस काबिज रही। बाद में भाजपा ने तख्तापलट करके मनाली नगर परिषद अध्यक्ष पद की कुर्सी हथिया ली। अब भाजपा लगातार इस पद पर बनी रहेगी। अब पंचायत चुनावों पर भाजपा और कांग्रेस ने अपना ध्यान केंद्रित कर लिया  है। जिला परिषद सीटों पर अपने समर्थित प्रत्याशियों को जीत दिलाने के लिए दोनों सियासी दल ताकत झोंकेंगे। इसी के साथ बागी व अन्य भी खेल बिगाड़ेंगे। हालांकि बागियों की जीत संबंधित सियासी दलों के हिस्से में ही मानी जाएगी। यह परिस्थितियों पर निर्भर रहेगा।

बगावत करने के लिए विवश करने वालों को यदि अध्यक्ष पद का ओहदा मिलने लगेगा तो बागी बिगड़ भी सकते हैं। अब सबकी नजरें पंचायत चुनावों पर टिक गई हैं। नगर निकाय चुनाव नतीजे सुनने के लिए मतगणना केंद्रों पर काफी भीड़ उमड़ी। समर्थक प्रत्याशियों के समर्थन में लगातार नारेबाजी भी करते रहे। रोचक चुनाव नतीजों के बीच जैसे-जैसे नतीजे आते रहे तो नारेबाजी का कोलाहल बढ़ता गया।


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Vijay

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