EWS कोटे से हिमाचल को मिलीं MBBS की इतनी सीटें, जानने के लिए पढ़ें खबर

Sunday, Jun 23, 2019 - 11:00 PM (IST)

मंडी: मैडीकल कौंसिल ऑफ इंडिया (एम.सी.आई.) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने हिमाचल प्रदेश के 6 सरकारी मैडीकल कॉलेजों के लिए 120 अतिरिक्त एम.बी.बी.एस. सीटों में इजाफा कर दिया है। इसी शैक्षणिक सत्र से बढ़ाई जाने वाली ये सीटें केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में की गई नई व्यवस्था के तहत आर्थिक रूप से कमजोर (ई.डब्ल्यू.एस.) छात्रों के लिए आरक्षित रहेंगी। नए खुले लाल बहादुर शास्त्री मैडीकल कॉलेज नेरचौक में भी अब एम.बी.बी.एस. की सीटों की संख्या 100 से 120 कर दी गई है। यहां मैडीकल कॉलेज ई.एस.आई.सी. के बजट से तैयार होने के चलते 30 प्रतिशत सीटें इस वर्ग के लिए आरक्षित रहेंगी। लिहाजा अब कुल 120 में से 35 के आसपास सीटें ई.एस.आई.सी. कोटे की आरक्षित रहेंगी।

सभी मैडीकल कॉलेजों में हुई 720 एम.बी.बी.एस. सीटें

इसके अलावा डा. राधाकृष्ण राजकीय मैडीकल कॉलेज हमीरपुर, डा. राजेंद्र प्रसाद राजकीय मैडीकल कॉलेज टांडा, राजकीय मैडीकल कॉलेज नाहन, आई.जी.एम.सी. शिमला व पं. जवाहर लाल नेहरू मैडीकल कॉलेज चम्बा में भी 20-20 एम.बी.बी.एस. की सीटें बढ़ाई गई हैं। अब इसी के साथ हिमाचल प्रदेश के सभी सरकारी मैडीकल कॉलेजों में 720 एम.बी.बी.एस. सीटें हो जाएंगी। इसके पहले यह व्यवस्था न होने से कुल 600 एम.बी.बी.एस. सीटें थीं। खास बात यह है कि ऑल इंडिया कोटा के छात्रों के लिए काऊंसलिंग 24 जून से शुरू होने जा रही है। आनॅलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुकी है तथा काऊंसलिंग के शुरूआती दौर में ही छात्रों को ये बढ़ी हुईं सीटें विकल्प के रूप में मिल पाएंगी।

इन सीटों पर भी लागू होगी आरक्षण व्यवस्था 

आरक्षण नियमों के तहत वर्तमान में कुल सीटों की 15 फीसदी सीटें ऑल इंडिया कोटा के छात्रों के लिए आरक्षित रहती हैं। शेष बची 85 फीसदी सीटों में से 50 फीसदी सीटें अनारक्षित वर्ग और 50 फीसदी सीटें एस.सी., एस.टी. और ओ.बी.सी. वर्ग के लिए रहती हैं। आॢथक रूप से कमजोर वर्ग के लिए केंद्र सरकार ने 10 प्रतिशत अतिरिक्त सीटें बढ़ाने का फैसला लिया था जो अब लागू हो चुका है। अधिकारियों के अनुसार इन सीटों पर भी आरक्षण सिस्टम लागू रहेगा। अनारक्षित और आरक्षित वर्ग के हिस्से बराबर सीटें आएंगी। सिर्फ एक अतिरिक्त शर्त आर्थिक पिछड़ापन की रहेगी। यह जानकारी लाल बहादुर शास्त्री मैडीकल कॉलेज नेरचौक के प्रधानाचार्य डॉ. रजनीश पठानिया ने दी है।

Vijay