RTI में खुलासा: मेयर कुसुम पर रोहड़ू के लिए सरकारी वाहन दौड़ाने का आरोप

Thursday, Aug 08, 2019 - 02:17 PM (IST)

शिमला (वंदना): एम.सी. शिमला की मेयर कुसुम सदरेट सरकारी वाहन के इस्तेमाल को लेकर विवादों में घिर सकती हैं। मेयर पर शिमला से रोहड़ू के लिए 317 किलोमीटर सरकारी गाड़ी दौड़ाने का आरोप है। आर.टी.आई. एक्टीविस्ट डा. पवन कुमार बंटा द्वारा सूचना का अधिकार कानून (आर.टी.आई.) के तहत मांगी गई जानकारी के जवाब में एम.सी. शिमला ने बताया कि 1 नवम्बर, 2018 को मेयर कुसुम सदरेट रोहड़ू नगर परिषद केचेयरमैन से बैठक के लिए सरकारी गाड़ी में गई थीं। आर.टी.आई. के जवाब में बताया कि एम.सी. के मुद्दों को लेकर यह बैठक आयोजित की गई थी। लॉग बुक में इसे सरकारी प्रवास बताया गया है, लेकिन नगर निगम परिषद के चेयरमैन के साथ मेयर की इस तरह की कोई बैठक नहीं हुई है। 

सूत्रों की मानें तो एम.सी. शिमला की परिधि से बाहर सरकारी गाड़ी ले जाने के लिए हाऊस या सचिव शहरी विकास विभाग की अनुमति लेनी होती है, लेकिन मेयर कुसुम सदरेट ने ऐसा नहीं किया। इस पर कांग्रेस और माकपा ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। जाहिर है कि आगामी दिनों में इस मुद्दे को लेकर मेयर कुसुम की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उल्लेखनीय है कि मेयर को एम.सी. ने एच.पी. 07बी-0202 नंबर स्कॉर्पियो गाड़ी दे रखी है। इसी गाड़ी में कुसुम सदरेट रोहड़ू गई थीं। इससे पहले भारतीय जनता पार्टी ने माकपा समर्थित उपमहापौर टिकेंद्र पंवर द्वारा सरकारी गाड़ी के इस्तेमाल को लेकर शहर में खूब ढिंढोरा पीटा था और एम.सी. के चुनाव में इसे बड़ा मुद्दा बनाया था। जांच के बाद सरकार ने पूर्व उपमहापौर से रिकवरी के आदेश दिए थे। अब देखना होगा कि मेयर कुसुम के मामले में सरकार क्या कार्रवाई करती है।

दिसम्बर में पूरा होना है मेयर का कार्यकाल

मेयर कुसुम सदरेट का अढ़ाई साल का कार्यकाल दिसम्बर में पूरा हो जाएगा। मेयर के कार्यकाल को महज 5 महीने ही शेष रह गए हैं, ऐसे में नगर निगम परिधि के बाहर सरकारी वाहन का इस्तेमाल करने पर मेयर कुसुम सदरेट की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। मेयर की कुर्सी को लेकर नगर निगम पार्षदों में लॉबिंग शुरू हो गई है।

‘बाकायदा करती हूं बिल का भुगतान’

कई बार आवश्यक कार्य के चलते शहर के बाहर जाना पड़ता है। ऐसे में गाड़ी का प्रयोग करना पड़ता है, जिसकी एवज में बाकायदा मैं बिल का भुगतान करती हूं।

Ekta