माता नैणा का मनाया गया 21 जाग उत्सव, देव परंपरा का हुआ निर्वहन

punjabkesari.in Tuesday, Jul 27, 2021 - 01:09 PM (IST)

कुल्लू (संजीव जैन) : माता नैणा का 21 वां जागरण (जाग) को बड़े हर्षोल्लास से भुंतर से सटे नैणा माता मंदिर पिपलाआगे में मनाया गया। इस जाग महोत्सव में माता भद्रकाली, माता कोयला, माता शीतला, माता छत्रेश्वरी अपने कारकूनों ओर हारियानों सहित विशेष रूप से शामिल हुई। मंदिर में शोभला सा तेरा दरबार, तेरे मंदिर रा नजारा, आज होना दीदार मईया दा, मां नैणा महामाया भजन के माध्यम माता के पुजारी अमित महंत ने माता की महिमा का बखान कर सभी श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। रात्रि एक बजे माता नैणा, भद्रकाली अपने, कारकूनों, हारियानो सहित ढोल नगाड़े के साथ मंदिर में प्रवेश किया और अंगारों के चारों ओर परिक्रमा की।

इस जाग की खास बात यह है कि यहां पर माता के गुर, चेलियां, जलते हुए आग के अंगारों पर चलकर अपनी शक्ति को एक बार फिर से प्रमाणित किया। इस जाग को देखने के लिए हिमाचल प्रदेश के दूसरे जिलों से भी लोग देखने आते है और उनकी माता में गहरी आस्था और विश्वास है। भद्रकाली माता के पुजारी अमित महंत ने कहा कि माता नैणा की 21 वीं जाग बड़ी धूमधाम से मनाई गई। इस जाग की अद्भुत बात यह है कि यहां पर माता के गुरु, चेलियां, माता का रथ आग के अंगारों पर चलता है और माता रानी की कृपा से किसी के भी पैर में आंच तक नही आती। ये सब माता की शक्ति से ही संभव है। जाग के दिन माता सभी भक्तों के दुखों का निवारण करती है और सभी को मनवांछित फल प्रदान करती है। सभी भक्त नारियल लेकर आते है और माता रानी नारियल से सभी भक्तों के ग्रहों का निवारण करती है।
 


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Content Writer

prashant sharma

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