Himachal: अंतर्राष्ट्रीय दशहरा उत्सव की शान बढ़ाने मनाली से रवाना हुईं माता हिडिंबा, कुल्लू पहुंचते ही शुरू हाेगा ''देव महाकुंभ''

punjabkesari.in Wednesday, Oct 01, 2025 - 05:11 PM (IST)

मनाली (सोनू): अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव की शोभा बढ़ाने के लिए मनाली घाटी की आराध्य देवी एवं कुल्लू राजवंश की दादी मां हिडिंबा देवी कारकूनों व देवलुओं सहित कुल्लू रवाना हुईं। माता हिडिंबा परिसर से पीडब्लूडी कैंपस तक श्रद्धालुओं ने माता से सुख व समृद्धि का आशीर्वाद लिया। बुधवार सुबह ही माता हिडिंबा का डूंगरी प्रांगण वाद्ययंत्रों की धुन से गूंज उठा। श्रद्धालुओं व कारकूनों के साथ माता का रथ जैसे ही मालरोड़ पहुंचा तो माता हिडिंबा के आलौकिक स्वरूप के दर्शन करते हुए लोगों व पर्यटकों ने इन लम्हों को अपने मोबाइल फोन में कैद किया।

पीडब्ल्यूडी विभाग मनाली के अधिशासी अभियंता अनूप शर्मा व एसडीओ आकाश सूद ने माता हिडिंबा का स्वागत किया और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद लिया। माता हिडिंबा के गूर देवी चंद ने बताया कि जब तक माता हिडिंबा कुल्लू दशहरे में नहीं पहुंचती,तो तब तक कुल्लू दशहरा शुरू नहीं होता। माता हिडिंबा के पहुंचने पर ही दशहरा उत्सव का शुभारंभ होता है और भगवान रघुनाथ की रथयात्रा निकलती है।

ये है कुल्लू दशहरे की परम्परा
राजा की छड़ी बुलावे के रूप में आती है। नवमी के दिन देवी हिडिंबा का रथ देवलुओं के साथ रामशिला कुल्लू में हनुमान मंदिर में विश्राम करता है। दशमी के दिन सुबह राजमहल से राजा की छड़ी के रूप में देवी हिडिंबा को बुलावा आता है। देवी हिडिंबा राज परिवार की दादी हैं। दशमी के दिन देवी हिडिंबा का रथ कुल्लू के राजमहल में प्रवेश करते ही राज परिवार के सदस्य अपने-अपने कमरों में छुप जाते हैं। राजमहल में बने देवी के कमरे में घोड़ी और शस्त्र पूजन के बाद राज परिवार अपनी दादी के तौर पर देवी हिडिंबा से आशीर्वाद लेता है।


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Vijay

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