लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा की चंडीगढ़ में मैराथन बैठक, विपक्ष को घेरने की बनाई रणनीति

Wednesday, May 09, 2018 - 09:32 PM (IST)

शिमला: हिमाचल प्रदेश में भाजपा की तरफ से आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों, प्रत्याशियों को उतारने, प्रदेश सरकार के कामकाज और विपक्षी कांग्रेस को घेरने के लिए चंडीगढ़ में मैराथन बैठकों का दौर जारी रहा। बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन रामलाल के अलावा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती और प्रदेश भाजपा संगठन महामंत्री पवन राणा के अलावा प्रदेश मंत्रिमंडल के कुछ सदस्य एवं पार्टी पदाधिकारी मौजूद रहे। सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार व्यक्तिगत कारणों के चलते बैठक में मौजूद नहीं थे।


2 संसदीय क्षेत्रों में उतारे जा सकते हैं नए चेहरे
सूत्रों के अनुसार बैठक में लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टी के प्रत्याशियों को उतारने पर भी मंत्रणा हुई है, जिसमें 2 संसदीय क्षेत्रों से पार्टी प्रत्याशियों को बदलने पर विचार कर रही है। इसमें कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से शांता कुमार चुनाव न लडऩे की बात कह चुके हैं। बैठक में प्रदेश सरकार के कामकाज पर भी विस्तृत विचार-विमर्श के अलावा कसौली हत्याकांड सहित हाल ही में घटित ताजा घटनाओं को लेकर भी चर्चा होने की सूचना है। कसौली हत्याकांड सहित अन्य मामलों को लेकर विपक्षी कांग्रेस की तरफ से बनाई जा रही रणनीति का जवाब देने के लिए भी भाजपा ने रणनीति बनाई। चंडीगढ़ में मुख्य रूप से हिमाचल प्रदेश भाजपा कोर गु्रप और समन्वय बैठक में अलग-अलग विषयों पर चर्चा हुई। इसमें सत्ता और संगठन में तालमेल बिठाने और निगम-बोर्ड के साथ संगठन में नई तैनातियों को किए जाने पर भी चर्चा की सूचना है।


नगर निगम शिमला में भाजपा पार्षदों की बयानबाजी पर भी चर्चा
नगर निगम शिमला में भाजपा पार्षदों की मेयर व डिप्टी मेयर के खिलाफ की जा रही बयानबाजी जैसे विषय भी बैठक में उठे। समन्वय बैठक में आर.एस.एस. के अलावा भाजपा से संबद्ध संगठन के नेताओं के मौजूद रहने की सूचना है और आगामी लोकसभा चुनाव तथा प्रदेश सरकार के कामकाज को बेहतर बनाने के लिए सुझाव भी लिए गए। बैठक का दौर देर शाम तक जारी रहा तथा भाजपा नेता इस बारे प्रतिक्रिया देने से बचते रहे।


सांसदों के रिपोर्ट कार्ड पर भी चर्चा
बैठक में मौजूदा सांसदों के रिपोर्ट कार्ड पर भी चर्चा की सूचना है। इस तरह टिकट आबंटन से पहले प्रत्याशी का रिपोर्ट कार्ड देखा जाएगा और पार्टी सर्वेक्षण का सहारा लेने पर भी विचार कर रही है ताकि जीतने वाले प्रत्याशियों पर ही दांव खेला जा सके। उल्लेखनीय है कि पार्टी हाईकमान के निर्देश पर लगातार बैठकों का दौर जारी है, जिसमें सरकार के कामकाज के अलावा आगामी लोकसभा चुनावों को गंभीरता से लिया जा रहा है। इसके लिए सत्ता और संगठन के नेताओं के दायित्वों को भी तय किया जा रहा है ताकि चुनाव में जीत दर्ज की जा सके।

Vijay