मंडियों में छूट के नाम पर सरेआम बागवानों से हो रही लूट

Sunday, Aug 25, 2019 - 10:25 AM (IST)

शिमला (देवेंद्र): शिमला जिला की मंडियों में बागवानों से सरेआम छूट के नाम पर लूट हो रही है। सेब न बिकने, पेमैंट न मिलने तथा कम दाम पर सेब बिकने के भय से बागवान भी इस सुनियोजित लूट के खिलाफ आवाज नहीं उठा पा रहे। इसे रोकने में कृषि उपज विपणन समिति (ए.पी.एम.सी.) शिमला-किन्नौर भी नाकाम रही है। मंडियों में ओपन बोली लगने के बावजूद भी बागवानों को ठगा जा रहा है। भट्टाकुफर मंडी के साथ चल रही एक अस्थायी मंडी में यदि बागवान का सेब 1511 रुपए प्रति पेटी के हिसाब से बोली पर छूटता है तो बागवान को 1400 रुपए दिए जाते हैं। प्रति पेटी बागवान को सीधे-सीधे 110 रुपए का नुक्सान हो रहा है। इस तरह 100 पेटी सेब में सीधे-सीधे एक बागवान को 1100 रुपएकी हानि उठानी पड़ रही है।  

हैरानी इस बात की कि बागवान आढ़तियों की इस लूट के खिलाफ मुंह तक नहीं खोल पा रहा है। भट्टाकुफर मंडी के साथ चल रही अस्थायी मंडी में सेब बेच रहे एक बागवान ने नाम न छापने की शर्त में बताया कि 110 रुपए की कटौती सभी बागवानों से की जा रही है। इसलिए उन्होंने इसका विरोध नहीं किया। बागवान ने माना कि हम लोग संगठित नहीं हैं। इसी का फायदा कुछेक आढ़ती उठा रहे हैं। सालभर बगीचों में जी-तोड़ मेहनत करने के बाद सेब बेचते वक्त बागवान चुपचाप खड़े होकर आढ़तियों की लूट का सरेआम तमाशा देखते हैं और बोल भी नहीं पाते। यही हाल ए.पी.एम.सी. की अलग-अलग क्षेत्रों में चल रही मंडियों का भी है। हालांकि कुछेक ए.पी.एम.सी. की मंडियों में 20 से 50 रुपए की छूट दी जाती है।

ऐसे बिकना चाहिए सेब!

कायदे से यदि सेब 1511 रुपए प्रति पेटी के हिसाब से बिकता है तो बागवान को भी 1511 रुपए ही मिलने चाहिए, लेकिन कुछेक मंडियों में आढ़ती व लदानी की मिलीभगत से ऐसा नहीं किया जा रहा। बताया जा रहा है कि 110 रुपए की छूट में 55 रुपए आढ़ती तो 55 रुपए लदानी को छोड़े जाते हैं।

ट्रांसपेरैंट ढंग से बिकना चाहिए सेब: चौहान

हिमाचल फल एवं सब्जी उत्पादक संघ के प्रदेशाध्यक्ष हरीश चौहान ने प्रदेश सरकार, मार्कीटिंग बोर्ड व ए.पी.एम.सी. से सभी स्थायी व अस्थायी मंडियों में पारदर्शी ढंग से सेब की बोली लगाने की मांग उठाई है। इसके लिए उन्होंने बागवानों से भी जागरूक होने की अपील की है।

छूट की बोली लगाने की नहीं दी जाएगी इजाजत: कश्यप

जिला की किसी भी मंडी में आढ़तियों को इस तरह से छूटकी बोली लगाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। ऐसा करने वाले आढ़तियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जिस रेट पर बोली छूटेगी, बागवानों को वही रेट देना होगा।

Ekta