लोकसभा चुनावों के बाद HPU में उठाए जाएंगे ये कदम

Monday, May 13, 2019 - 10:01 AM (IST)

शिमला (अभिषेक): हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एच.पी.यू.) के स्वर्ण दृष्टि विजन 2020 में शामिल कई योजनाएं अभी भी लंबित हैं। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को देश के शीर्ष विश्वविद्यालय में शामिल करने के उद्देश्य से विजन 2020 दस्तावेज तैयार किया गया था, लेकिन साल दर साल बीत जाने के बाद भी इस दस्तावेज में शामिल योजनाएं सिरे नहीं चढ़ पाई हैं। विजन 2020 दस्तावेज में शामिल योजनाओं को अमलीजामा पहनाने के लिए हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को आर्थिक सहायता की जरूरत है। हालांकि प्रदेश सरकार की ओर से बीते वर्षों में नियमित रूप से विश्वविद्यालय के सालाना बजट में बढ़ौतरी की है, लेकिन यह बढ़ौतरी विजन 2020 दस्तावेज में शामिल योजनाओं को सिरे चढ़ाने के लिए नाकाफी साबित हुई है। 

विश्वविद्यालय ने विजन दस्तावेज 2020 को सिरे चढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रयास तो किए गए हैं, कुछ कार्य हुए भी लेकिन प्रदेश विश्वविद्यालय की वर्तमान वित्तीय स्थिति को देखते हुए विभिन्न योजनाओं को अमलीजामा पहनाने में अड़चनें पैदा हुईं। विश्वविद्यालय अभी भी आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहा है। प्रदेश सरकार से मिलने वाला बजट वर्तमान स्थिति को देखते हुए काफी कम है। विजन दस्तावेज में शामिल कई पहलुओं को भी सिरे चढ़ाने के लिए अतिरिक्त वित्तीय सहायता की जरूरत है।

नए कोर्स शुरू करने के लिए विश्वविद्यालय को स्टाफ भी उसके अनुरूप ही भरना होगा। इन सबके लिए वित्तीय सहायता की जरूरत पड़ेगी। जानकारों का मानना है कि विजन 2020 के तहत सभी योजनाओं को पूरा करने और विश्वविद्यालय के विकासात्मक कार्यों को पूरा करने के लिए करीब 150 करोड़ रुपए की जरूरत पड़ सकती है, लेकिन हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को प्रदेश सरकार से अभी वर्तमान 115 करोड़ रुपए का सालाना बजट मिलता है। बजट की कमी और स्टाफ की कमी के चलते कई कार्य अभी भी लंबित हैं।

लोकसभा चुनाव के बाद वि.वि. में उठाए जाएंगे ये कदम

बताया जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में स्टाफ की भर्ती प्रक्रिया अब लोकसभा चुनाव के बाद ही शुरू होगी। जानकारी के अनुसार विश्वविद्यालय में असिस्टैंट प्रोफैसर के करीब 150 पदों को भरने को हरी झंडी मिली है। इससे पूर्व भी शिक्षकों के पद भरने को स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। इसके अलावा विश्वविद्यालय में गैर शिक्षक कर्मचारियों के रिक्त पदों को भी इस वर्ष भरना प्रस्तावित है और बीते दिनों पूर्व करीब 150 पदों को भरने के लिए हरी झंडी प्रदान की गई। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय आगामी दिनों में चुनाव आचार संहिता हटने के बाद प्रदेश सरकार से अतिरिक्त बजट प्रदान करने की भी मांग उठाएगा।

एच.पी.यू. ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए मांगे थे 200 करोड़, मिले 115 करोड़

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एच.पी.यू.) के बजट में मांग के अनुरूप वृद्धि नहीं हुई है। प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के बजट में 5 करोड़ की वृद्धि की है। वित्त वर्ष 2019-20 के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रदेश सरकार से 200 करोड़ का बजट मांगा था। यानी कि मौजूदा 110 करोड़ के अतिरिक्त 90 करोड़ रुपए और मांगे गए थे, लेकिन 5 करोड़ की ही वृद्धि होने से हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का बजट अगले वित्त वर्ष के दौरान 115 करोड़ रुपए होगा। इसके चलते इस वित्त वर्ष के लिए भी विश्वविद्यालय का घाटे का बजट ही पारित हुआ है। नए कोर्स शुरू करने के लिए विश्वविद्यालय को स्टाफ भी उसके अनुरूप ही भरना होगा। इस सबके लिए वित्तीय सहायता की जरूरत पड़ेगी। जानकारों का मानना है विजन 2020 के तहत सभी योजनाओं को पूरा करने और विश्वविद्यालय के विकासात्मक कार्यों को पूरा करने के लिए करीब 150 करोड़ रुपए की जरूरत पड़ सकती है।

प्रयास जारी पर बजट कम

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के विजन 2020 को यदि अमलीजामा पहनाया जाता है तो हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय देश के शीर्ष विश्वविद्यालय में शामिल हो सकता है। विजन 2020 में मुख्य तौर पर विश्वविद्यालय के परिसर का विस्तार करना, नए कोर्स शुरू करना, नए विभाग स्थापित करना, शोध केंद्र खोलना, 7 चेयर्स स्थापित करना शामिल हैं। स्वर्ण दृष्टि दस्तावेज विजन 2020 में शामिल बिंदुओं के तहत प्रदेश विश्वविद्यालय में बेहतर शिक्षकों की नियुक्ति के अलावा विश्वविद्यालय के क्षेत्रफल का विस्तार करने के अलावा वित्तिय साधनों को जुटाना, अकादमिक श्रेष्ठता हासिल करने के लिए विश्वविद्यालय नए आयाम स्थापित करना शामिल है। विश्वविद्यालय ने विजन दस्तावेज 2020 को सिरे चढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रयास तो किए हैं, कुछ कार्य हुए भी लेकिन प्रदेश विश्वविद्यालय की वर्तमान वित्तीय स्थिति को देखते हुए विभिन्न योजनाओं को अमलीजामा पहनाने में अड़चने पैदा हुईं। विश्वविद्यालय अभी भी आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहा है। प्रदेश सरकार से मिलने वाला बजट वर्तमान स्थिति को देखते हुए काफी कम है। इसके अलावा कई बिंदु भी शामिल हैं, जिनमें से कुछ पर काम हुआ है, लेकिन अभी और भी बहुत कुछ करना शेष है।

Ekta