दिग्गज कांग्रेसी टिकट रहे छोड़ तो भाजपा में दावेदारी की होड़

Tuesday, Mar 19, 2019 - 10:13 AM (IST)

शिमला (ब्यूरो): हिमाचल कांग्रेस में लोकसभा चुनाव के प्रत्याशियों के चयन को लेकर पार्टी में गुटबाजी गरमाती जा रही है। इसके तहत कांग्रेस नेता एक-दूसरे के कंधे पर बंदूक रख अपने भविष्य की राजनीति संवारने का प्रयास कर रहे हैं। इसी का परिणाम है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वयं चुनाव लड़ने से पीछे हटकर दूसरे नेताओं के नाम आगे कर रहे हैं। ऐसे में पार्टी भी अभी तक प्रत्याशियों के नामों पर मोहर नहीं लगा पाई है। हमीरपुर व मंडी संसदीय सीटों पर ही ऐसी हालत है। यहां खुद नेता चुनाव नहीं लडऩा चाह रहे हैं लेकिन विरोधी गुट उनका नाम आगे कर हाईकमान पर उन्हें चुनाव लड़ने का दबाव बना रहे हैं। 

पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को मंडी संसदीय सीट से सबसे सशक्त उम्मीदवार बता चुके हैं। हालांकि अंदरखाते वह भी टिकट की दौड़ में शामिल बताए जा रहे हैं लेकिन सीधे तौर पर उन्होंने अपनी दावेदारी पेश नहीं की है। इसके साथ ही पूर्व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री को सबसे दमदार उम्मीदवार बता चुके हैं। उन्होंने बीते दिनों राजीव भवन में हुई बैठक के दौरान यह बात कही थी। इसके साथ ही एक गुट सुक्खू को चुनाव लड़वाना चाह रहा है।

यह है वजह

सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिल्ली की राजनीति को छोड़ प्रदेश में अपनी जड़ें मजबूत करना चाहते हैं। इसी के चलते वे अन्य नेताओं के नामों की पैरवी लोकसभा टिकट के लिए कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार कुछ नेता तो प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के विकल्प के तौर पर अपने आप को स्थापित करने के सपने भी पाले हुए हैं। यही कारण है कि वे लोकसभा चुनाव लड़ने से पीछे हट रहे हैं। 

ये नेता कर चुके इंकार

पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और पूर्व मंत्री जी.एस. बाली चुनाव लडऩे से इंकार कर चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कहते आए हैं कि वह इस बार चुनाव लड़ेंगे नहीं बल्कि लड़वाएंगे और पार्टी प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करने के लिए चुनाव प्रचार करेंगे। इसके साथ ही पूर्व मंत्री जी.एस. बाली भी चुनाव लडऩे से इंकार कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार वह राहुल गांधी को भी इस संबंध में अवगत करवा चुके हैं। दोनों वरिष्ठ नेताओं के चुनाव लड़ने से इंकार किए जाने के अंदरखाते कई मायने निकाले जा रहे हैं और इसे भविष्य की राजनीति से जोड़कर भी देखा जा रहा है।  

मंडी/कुल्लू

पहाड़ों की ऊंची चोटियों पर बर्फबारी का क्रम जारी है और आधे से ज्यादा क्षेत्र बर्फ की सफेद चादर में लिपटा होने के बावजूद मंडी संसदीय क्षेत्र में सियासी पारा गर्माया हुआ है। मंडी संसदीय क्षेत्र मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का गृह क्षेत्र है, ऐसे में बतौर मुख्यमंत्री उनका पहला इम्तिहान है। उधर, बात कांग्रेस की करें तो पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की खामोशी से इस हॉट सीट पर फिलहाल कांग्रेस चुप्प है जबकि भाजपा में मौजूदा सांसद के अलावा कुछ और नामों ने पार्टी को उलझन में डाल दिया है। इस संसदीय क्षेत्र से वर्तमान सांसद राम स्वरूप शर्मा टिकट को लेकर आश्वस्त रहते हुए दौरे करके लोगों से रू-ब-रू हो रहे हैं।

इधर, पैनल में महेश्वर सिंह और ब्रिगेडियर खुशहाल ठाकुर के भी नाम शामिल होने से सियासी समीकरणों में बदलाव के साथ कई चर्चाएं भी शरू हो गई हैं। महेश्वर सिंह सोमवार को दिल्ली से लौटे और खुशहाल ठाकुर रविवार को दिल्ली से वापस पहुंचे। उधर पूर्व केंद्रीय मंत्री पडित सुखराम अपने पोते आश्रय शर्मा के साथ दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। इस दौरान वह भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मिलने का प्रयास कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार पं. सुखराम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह सहित अन्य नेताओं से मिलने का समय मांगा है। इस बारे आश्रय शर्मा ने कहा कि वह भाजपा आलाकमान के समक्ष अपना पक्ष रखेंगे।

पूर्व सैनिक ब्रिगेडियर खुशहाल के पक्ष में

इधर, पूर्व सैनिक कल्याण समिति के प्रदेशाध्यक्ष सूबेदार प्रकाश चंद की अध्यक्षता में बिलासपुर में हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि कारगिल हीरो ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर (युद्ध सेवा मैडल से सम्मानित) को लोकसभा संसदीय क्षेत्र मंडी से लोकसभा का टिकट दिया जाए। सूबेदार प्रकाश चंद ने कहा कि अगर खुशहाल ठाकुर को लोकसभा का उम्मीदवार घोषित नहीं किया जाता है तो प्रदेश के पूर्व सैनिक अगली रणनीति बनाएंगे और जल्द ही उसका ऐलान करेंगे। 

कई बातों से पार्टी नेतृत्व को अवगत कराया: महेश्वर

दिल्ली से लौटते समय सोमवार को महेश्वर सिंह ने पंजाब केसरी से दूरभाष पर बातचीत में कहा कि वह दिल्ली में पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से मिले और अपना निवेदन भी रखा। उन्होंने कहा कि पार्टी नेतृत्व के समक्ष मैंने कई बातें भी दिल्ली में रखीं। बाकी पार्टी प्रदेश के नेताओं से भी सलाह मशविरा करेगी और निर्णय लेगी। उन्होंने कहा कि 2009 में वीरभद्र सिंह से मैं महज 14,000 मतों के अंतर से हारा था। इसके पीछे कुछ वजहें रहीं, जिनसे सभी भलीभांति परिचित हैं। इस तरह की और भी कई बातों से पार्टी नेतृत्व को अवगत करवाया।

पहले भी पैनलों में रहा मेरा नाम: खुशहाल

ब्रिगेडियर खुशहाल ठाकुर ने कहा कि मैं रविवार को दिल्ली से वापस लौटा हूं। उन्होंने कहा कि टिकट के लिए आवेदन तो मैंने पहले ही किया है। उन्होंने कहा कि पैनल में मेरा नाम पहले भी रहा है। विधानसभा चुनाव के दौरान भी मेरा नाम पैनल में रहा। उन्होंने कहा कि मैं दिल्ली में सैनिकों व पूर्व सैनिकों से मिला। इंडियन एक्स सर्विसमैन लीग और इंडियन एक्स सर्विसमैन मूवमैंट के पदाधिकारियों से मुलाकात की। पैनल में मेरा नाम होने की बात मुझे पता चली और बाकी पार्टी निर्णय लेगी।

Ekta