राठौर ने घेरी सरकार, बाेले-PDS के तहत मिलने वाले राशन में कटौती करना मध्यम वर्ग के साथ बड़ा अन्याय

Wednesday, May 13, 2020 - 06:33 PM (IST)

शिमला (योगराज): प्रदेश सरकार द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत गरीबी रेखा से ऊपर वाले लोगों के राशन में 50 प्रतिशत की कटौती को गलत करार देते हुए कांग्रेस ने इसका कड़ा विरोध किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने सरकार के इस निर्णय को भेदभावपूर्ण बताते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने सत्ता में आते ही पहले तो लाखों लोगों को गरीबी रेखा की सूची से बाहर कर दिया और अब उनके राशन में कटौती का फरमान जारी कर मध्यम वर्ग के ऊपर कुठाराघात किया है। केंद्र सरकार की नजरों में ऊंचा उठने के चक्कर में सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों के आकलन का पैमाना बदल कर इस वर्ग के साथ बड़ा अन्याय किया है।

उन्होंने कहा कि उस समय कहा गया था कि जिन लोगों को गरीबी रेखा से बाहर किया है, उनका आर्थिक स्तर ऊंचा किया जाएगा लेकिन नतीजा यह हुआ कि पात्र लोग गरीबी रेखा से बाहर हो गए और अब उनको दी जाने वाली रियायतों में कटौती कर उनके साथ अन्याय किया गया है। उन्होंने कहा कि ये फैसला तर्कसंगत नहीं है। मध्यम वर्ग के कर्मचारी के वेतन एवं डीए में कटौती करके पहले ही सरकार ने अन्याय किया है। मध्यम वर्ग के कर्मचारी, छोटे दुकानदार, व्यपारी, निजी क्षेत्र में काम करने वाले लाखों लोग इस फैसले से प्रभावित होंगे।

उन्होंने कहा कि करोना संकट में पहले ही सभी वर्गों की कमर टूटी चुकी है। बेरोजगारी चरम पर पहुंच गई है, किसान-बागवान को उचित दाम और मार्कीटिंग की उचित व्यवस्था न हो रही है, ऐसे में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में भी कटौती करने का कांग्रेस पार्टी कड़ा विरोध करती है। उन्होंने कहा कि मध्यम वर्ग को दी जाने वाली ये सुविधा जारी रखी जानी चाहिए और इनको कोरोना काल में बिजली-पानी के बिलों में भी रियायत देनी चाहिए तथा छोटे दुकानदारों को बिजली बिल में कमर्शियल रेट में भी राहत देनी चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष ने गरीबी रेखा के नीचे रहने वालों के लिए भी आय सीमा को 45 हजार किए जाने को कम बताया है। उन्होंने कहा कि इसकी सीमा बढ़ाई जानी चाहिए ताकि गरीबी रेखा के नीचे रहने वालों का सही आकलन करके राहत दी जा सके।

उन्होंने कहा कि यह समय किसी भी वर्ग को दी जाने वाली राहत में कटौती का नहीं बल्कि और राहत देने का है। उन्होंने कहा किप्रदेश सरकार का यह जल्दबाजी में लिया गया फैसला है, जिसका कांग्रेस कड़े शब्दों में विरोध करती है। उन्होंने इस फैसले को तुरन्त वापस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि किसान और बागवान हिमाचल की आर्थिकी की रीढ़ हैं लेकिन इन्हें सरकार ने कोई भी राहत का पैकेज न देकर कृषि-बागवानी क्षेत्र को निराश किया है।

Vijay