पैट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाने पर कांग्रेस ने घेरी सरकार, कहा-CM ने जनता को दिया दीवाली का तोहफा

Saturday, Oct 26, 2019 - 07:42 PM (IST)

शिमला (तिलक राज): हिमाचल में अब पैट्रोल और डीजल महंगा मिलेगा। दीवाली से 2 दिन पहले प्रदेश सरकार ने पैट्रोल पर 2.4 और डीजल पर 1.9 फीसदी वैल्यू एडेड टैक्स (वैट) बढ़ाने की अधिसूचना जारी कर दी है। वही कांग्रेस ने प्रदेश सरकार द्वारा पैट्रोल और डीजल पर वैट बढ़ाने के फैसले का विरोध करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा प्रदेशवासियों को दीवाली पर महंगाई की मार का एक और तोहफा करार दिया है। कांग्रेस का कहना है कि उपचनावों से पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ने पहले ही कह दिया था कि वह चुनाव के बाद प्रदेशवासियों को एक बढिय़ा तोहफा देंगे जो उन्होंने सरकारी मद में लोगों से पैसा जुटाने की एवज में पैट्रोल और डीजल में वैट बढ़ाकर दे दिया है।

लोगों की दुख-तकलीफ से सरकार को लेना-देना नहीं

कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि डीजल और पैट्रोल की कीमतें बढऩे से जहां एक तरफ मालभाड़े में लागत बढ़ेगी तो वहीं दूसरी तरफ लोगों को और अधिक महंगाई की मार झेलनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि आज आर्थिक मंदी से लोग पहले ही परेशान हैं। सरकार के ऐसे जनविरोधी निर्णय से साफ है कि उसे लोगों की दुख-तकलीफ से कुछ लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि आज देश किन परिस्थितियों से गुजर रहा है भाजपा को इसकी कोई  चिंता नही है। बड़े पैमाने पर उद्योगों में कामगारों की छंटनी हो रही है। देश की विकास दर में भारी कमी आ रही है। देश की अर्थव्यवस्था चौपट होकर रह गई है। उन्होंने कहा कि है देश के साथ-साथ प्रदेश के लोगों को इस आर्थिक मंदी के दौर में बढ़ती महंगाई से राहत के उपायों की सख्त जरूरत है न कि लोगों पर अनावश्यक आर्थिक बोझ से दबाने की।

अपना खजाना भरने की बजाय महंगाई से राहत दिलाए सरकार

उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि जनहित में पैट्रोल और डीजल पर बढ़ाए गए वैट के निर्णय को वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को अपने अनावश्यक खर्चों में कटौती करते हुए प्रदेश के लोगों को बढ़ती महंगाई से राहत देने के कोई ठोस उपाय करने चाहिए न कि वैट बढ़ाकर अपने खजाने को भरने की कोशिश करनी चाहिए। सरकार को अपने इस फैसले पर तुरंत पुनर्विचार करना चाहिए।

कर्जे पर ही चल रही जयराम सरकार

वहीं उन्होंने सरकार द्वारा फिर से 400 करोड़ का कर्ज लेने पर कहा कि प्रदेश की जयराम सरकार कर्जे पर ही चल रही है। सरकार ये कर्ज प्रदेश के विकास के लिए नहीं बल्कि  सरकार की फिजूलखर्ची और ऐशो आराम के लिए ले रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश पर अब तक 52 करोड़ से उपर कर्जा चढ़ गया है। प्रदेश में आय के स्त्रोत कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। एक तरफ महंगाई चरम सीमा पर है तो दूसरी तरफ सरकार कर्ज लेकर हिमाचल की आर्थिकी को खत्म करने पर तुली है। सरकार को चाहिए  वित्तीय साधन जुटाए और अपने खर्चो पर नियंत्रण करे।

Vijay