4 साल से सरकार व संगठन कर रहे थे प्रताड़ित, इसलिए दे दिया इस्तीफा : कृपाल परमार (Video)

punjabkesari.in Tuesday, Nov 23, 2021 - 07:42 PM (IST)

कांगड़ा/शिमला (जिनेश/कुलदीप): भाजपा के उपाध्यक्ष पद इस्तीफा देने वाले कृपाल परमार फतेहपुर उपचुनावों में टिकट न मिलने से भी नाराज चल रहे थे ओर चुनावों में भी प्रचार के लिए भाजपा प्रत्याशी के लिए वोट मांगने के लिए कम ही मैदान में आए। कृपाल परमार ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें पिछले 4 साल से लगातार पार्टी व सरकार द्वारा अनदेखा व प्रताड़ित किया जा रहा था जिसकी वजह से वह पूरी तरह आहत थे। उन्होंने कहा कि उन्होंने इसकी शिकायत हाईकमान से भी की है, कृपाल ने कहा कि वह पार्टी के सच्चे सिपाही हैं और पार्टी छोड़ कर कभी नहीं जाएंगे। उन्होंने सिर्फ सरकार व संगठन की प्रताड़ना से परेशान होकर अपना इस्तीफा दिया है। परमार ने साफ शब्दों में कहा कि पार्टी में जलालत कुछ इस कदर बढ़ गई थी कि पद छोड़ना ही उचित समझा। कृपाल ने संगठन व सरकार पर उंगली उठाते हुए कहा कि एक लंबे अरसे से घुटन महसूस कर रहा था।

वरिष्ठ नेताओं को नजरअंदाज करने की परम्परा गलत

कृपाल ने कहा कि प्रदेश में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ षड्यंत्र हो रहा है। उन्होंने कहा कि षड्यंत्र रच कर ही वरिष्ठ नेताओं को जलील करने की कोशिश की जा रही थी। उन्होंने कहा कि पार्टी में वरिष्ठ नेताओं को नजर अंदाज करने की परंपरा शुरू हो गई है जो बहुत गलत है। उन्होंने कहा कि पार्टी में इस बारे में बोला जाता है तो कोई भी सुनता नहीं है। अंत में पद से इस्तीफा देना ही एक तरीका बचा था।

भ्रष्ट लोगों को बैठाया जा रहा है सिर पर, न मुख्यमंत्री सुनते न संगठन मंत्री

कृपाल ने कहा कि टिकट देना पार्टी का विशेषाधिकार है हमने कभी नुकताचीनी नहीं की। पार्टी ने टिकट नहीं दी तो मैंने चुनाव नहीं लड़ा। कृपाल ने कहा कि सरकार में जिस तरीके से पार्टी में भ्रष्ट लोगों को सिर पर बैठाया जा रहा है और वरिष्ठ नेताओं को जलील करने की प्रथा अब भाजपा में चल पड़ी है। अब न मुख्यमंत्री सुनते हैं, न ही संगठन मंत्री हमारी बात सुनते हैं और न ही प्रदेश में कोई और।

टिकट आबंटन के दौरान हाईकमान को दी झूठी जानकारी

उपचुनावों में टिकट आबंटन पर कृपाल ने कहा कि सरकार व संगठन ने वोग्स सर्वे करके पार्टी हाईकमान को गलत सूचना दी, जिसके चलते पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है। ऐसे नेताओं की ड्यूटी उपचुनाव में लगा दी जिन्होंने पार्टी को नुक्सान पहुंचाया। हार के कारणों की जांच की जिम्मेदारी ऐसे लोगों को दे दी जो खुद हार का कारण थे। जो नेता खुद चुनाव के प्रभारी थे वे अपनी गलती हाईकमान को कहां बताएंगे। अपराधी को ही जांच का जिम्मा दे दिया जाएगा तो चोर कैसे पकड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं की अनदेखी पूरे प्रदेश भर में की जा रही है। राष्ट्रीय अध्यक्ष से समक्ष भी सारी बातें रखूंगा।

संगठन के एक बड़े नेता से सोशल मीडिया पर हुई बहस ने बटोरीं थीं सुर्खियां

उल्लेखनीय है कि पूर्व सांसद कृपाल परमार फतेहपुर विधानसभा उपचुनाव में पार्टी की तरफ से टिकट मांग रहे थे। उन्होंने पार्टी की तरफ से टिकट न मिलने पर प्रत्यक्ष तौर पर किसी तरह की बगावत तो नहीं की लेकिन संगठन के एक बड़े नेता से सोशल मीडिया पर हुई उनकी बहस ने खूब सुर्खियां बटोरीं थीं। मौजूदा समय में कृपाल परमार के अलावा भाजपा में उपाध्यक्ष पद का दायित्व प्रवीण शर्मा, राम सिंह, पुरुषोत्तम गुलेरिया, संजीव कटवाल, रत्न सिंह पाल, कमलेश कुमारी और धनेश्वरी ठाकुर के पास है। चर्चा यह भी है कि संगठन में बड़े स्तर पर आने वाले दिनों में फेरबदल हो सकता है, ऐसे में पूर्व सांसद ने उससे पहले ही अपने पद से इस्तीफा देना उचित समझा।

मुझे कृपाल परमार के इस्तीफे की जानकारी नहीं : सुरेश कश्यप

हिमाचल प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने संपर्क करने पर बताया कि मुझे कृपाल परमार के इस्तीफे की जानकारी नहीं है। अभी तक उन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष का इस्तीफा भी नहीं मिला है।

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Content Writer

Vijay

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