सरकार की सख्ती और स्वास्थ्य विभाग के नोटिस के बाद क्रस्ना लैब ने सैंपल लेने किए शुरू
Friday, Jan 12, 2024 - 05:08 PM (IST)
शिमला (संतोष): सरकार की सख्ती और स्वास्थ्य विभाग के नोटिस देने के बाद शुक्रवार को क्रस्ना लैब ने सुचारू रूप से सैंपल लेने शुरू कर दिए हैं। राज्य में आईजीएमसी, टांडा सहित अन्य मेडिकल काॅलेजों व अस्पतालों में सैंपल लेना आरंभ हो गया है, जिससे मरीजों ने राहत की सांस ली है। क्रस्ना लैब द्वारा बुधवार से सैंपल लेने यह कहकर बंद कर दिए थे कि 9 माह का क्रस्ना का सरकार के पास करीब 50 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान नहीं हुआ है। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग व क्रस्ना डायग्नोस्टिक के बीच में वार्ता शुरू हुई और गुरुवार को दिन भर यह वार्ता चली रही। आखिरकार सरकार ने क्रस्ना लैब को नोटिस भी थमा दिया है कि वह टैंडर के दौरान रखी गई शर्तों को पूरा करे। हिमाचल के सरकारी अस्पतालों में फ्री टैस्ट और एक्स-रे को अनुबंधित क्रस्ना कंपनी एनएबीएल से मान्यता प्राप्त भी नहीं है जबकि लैब में एमडी बायोकैमिस्ट्री और एमडी माइक्रो बायोलॉजी भी नहीं रखे गए हैं। कंपनी को इन शर्तों व मापदंडों को पूरा करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से नोटिस जारी कर दिया गया है। यदि कंपनी इन शर्तों को जल्द पूरा नहीं करती है तो विभाग व सरकार कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
2 दिन तक सरकारी अस्पतालों की लैब में हो रहे थे टैस्ट
2 दिनों तक क्रस्ना लैब के अभाव में सरकारी अस्पतालों की लैब के माध्यम से ही मरीजों के टैस्ट हो रहे थे। स्वास्थ्य विभाग ने भी मेडिकल काॅलेजों सहित अस्पतालों की लैब का समय बढ़ा दिया था ताकि किसी भी मरीज को कोई परेशानी न हो। सरकार पीछे हटने को भी तैयार नहीं थी और कंपनी को मापदंडों को पूरा करने के लिए भी कड़ी फटकार लगाते हुए नोटिस थमा दिया गया है।
क्रस्ना डायग्नोस्टिक को जारी कर दिया गया है नोटिस : डाॅ. बेरी
स्वास्थ्य सेवाएं निदेशक डाॅ. गोपाल बेरी ने कहा कि क्रस्ना लैब ने पहले स्वयं ही सैंपल लेना बंद कर दिया और 2 दिनों तक मरीजों के सैंपल नहीं लिए। मरीजों की दिक्कत को देखते हुए सरकारी अस्पतालों की लैब की टाइमिंग बढ़ा दी थी लेकिन अब शुक्रवार से क्रस्ना लैब ने फिर से सैंपल लेने आरंभ कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि क्रस्ना लैब को खामियां दुरुस्त करने संबंधी नोटिस जारी कर दिया गया है और यदि कमियां दूर नहीं हुईं तो क्रस्ना डायग्नोस्टिक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सरकारी लैब की मजबूती प्रदान करने की उठने लगी मांग
हिमाचल के अस्पतालों में मेडिकल टैस्ट का काम देख रही क्रस्ना लैब के 2 दिन सैंपल न लेने के कारण मरीजों को हुई परेशानी के बाद अब राज्य की सरकारी लैबोरेट्रीज को मजबूती प्रदान करने की मांग उठाने लगी है। ऑल इंडिया लैब टैक्नोलॉजिस्ट एसोसिएशन हिमाचल के प्रदेशाध्यक्ष राजन भीमटा, महासचिव यशवंत व अन्य सदस्यों ने मांग उठाई है कि निजी लैब पर निर्भर रहने की बजाय सरकार प्रदेश की सरकारी लैब को मजबूती प्रदान करे। इससे जहां सरकार की निजी लैब पर निर्भरता कम होगी, वहीं दूसरी ओर मरीजों के मेडिकल टैस्ट भी कम पैसे में होंगे। इसके अलावा प्रदेश के मेडिकल काॅलेजों में लैब टैक्नीशियन की पढ़ाई करने वाले युवाओं को भी रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सरकारी लैब में योग्य और उचित प्रशिक्षण प्राप्त लैब टैक्नीशयन हैं। यह लैब टैक्नीशियन निजी लैब टैक्नीशियनों से कहीं ज्यादा भरोसेमंद हैं, ऐसे में सरकार को निजी लैब पर निर्भर रहने की बजाय सरकारी लैबोरेट्रीज को मजबूत करना चाहिए। क्रस्ना लैब के 2 दिन सैंपल न लेने के कारण प्रदेश के हजारों मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा और निजी लैबोरेट्रीज में हजारों रुपए खर्च कर टैस्ट भी करवाने पड़े। इसके लिए सरकार को क्रस्ना लैब के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी करनी चाहिए।
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