राजीव शुक्ला द्वारा नजरअंदाज करना आनंद शर्मा के इस्तीफे का कारण : कौल सिंह

Tuesday, Aug 23, 2022 - 11:33 PM (IST)

मंडी (रजनीश): कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व पार्टी प्रदेशाध्यक्ष कौल सिंह ठाकुर पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा के पक्ष में खड़े हो गए हैं। इसी कड़ी में उन्होंने आनंद शर्मा को कांग्रेस पार्टी की शिमला, दिल्ली व चंडीगढ़ में पिछले दिनों हुई बैठकों में न बुलाए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला की उपस्थिति में हुई बैठकों में चुनाव समिति के अध्यक्ष को न बुलाने पर कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी को समय रहते संज्ञान लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि आनंद शर्मा कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता हैं। प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला को उन्हें बैठकों में बुलाना चाहिए था। कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि चंडीगढ़-दिल्ली में बैठक की हमें तो खैर बुलाया नहीं लेकिन आनंद शर्मा को बुलाना चाहिए था। पर्यवेक्षक छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेंद्र बघेल, सचिन पायलट व पीएस बाजवा भी दिल्ली में हुई बैठक में उपस्थित रहे लेकिन आनंद शर्मा को नहीं बुलाया। दिल्ली में की गई बैठक में आनंद शर्मा को फोन करके बुलाया जा सकता था। न कभी फोन किया और न कभी चिट्ठी लिखी। 

हिमाचल कांग्रेस में तालमेल की कमी है, गुटबाजी नहीं
कौल सिंह ने कहा कि सोनिया गांधी द्वारा आनंद शर्मा को संचालन समिति का अध्यक्ष बनाया गया था, ऐसे में उन्होंने सोनिया गांधी को ही पत्र लिखकर अपना इस्तीफा सौंपा है। कौल सिंह ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला उन्हें किसी भी कार्यक्रम का न्यौता तक नहीं देते थे। राजीव शुक्ला द्वारा आनंद शर्मा को नजरअंदाज करना इस इस्तीफे का कारण है। राजीव शुक्ला की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाते हुए कौल सिंह ने कहा कि आगामी चुनावों में आनंद शर्मा चुनाव प्रचार में आएंगे। हिमाचल कांग्रेस में तालमेल की कमी है, गुटबाजी नहीं है। 

प्रदेश प्रभारी को लेकर कहीं ये बातें
कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश प्रभारी का फर्ज बनता है कि वह गुटबाजी को खत्म करें तथा सभी को साथ लेकर चलें। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के 2 विधायक भाजपा में चले गए। इसके पीछे कुछ कमियां ही रही होंगी, तभी वे भाजपा में चले गए। प्रभारी को चाहिए कि जिलों का दौरा करें और जो नाराज हैं, उनसे बातचीत करें तथा लोगों के साथ संपर्क स्थापित करें। ऐसा प्रभारी होना चाहिए, जो समय निकाले। हिमाचल में रहे, जिलों में जाए और विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करके बैठकें करे। ऐसा होने से ही कांग्रेस पार्टी को मजबूती मिलेगी। इसलिए कांग्रेस प्रभारी को ज्यादा समय प्रदेश में लगाना चाहिए।

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Content Writer

Vijay