प्रचंड जनादेश देने के बावजूद आम आदमी खौफ के माहौल में जीने को मजबूर : राणा

Thursday, Jan 23, 2020 - 05:12 PM (IST)

हमीरपुर: कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा ने कहा है कि प्रचंड बहुमत व प्रचंड जनादेश हासिल करने वाली बीजेपी के मोदी राज में देश लोकतंत्र की स्थिति में 13 साल के सबसे निचले स्तर पर जा पहुंचा है। कश्मीर नागरिकता कानून के चलते डेमोके्रसी इंडेक्स में भारत 10 स्थान नीचे आया है जो कि भारत जैसे बड़े देश के लिए निश्चित तौर पर चिंता की स्थिति है। राणा ने कहा कि द इकॉनोमिस्ट इंटेलिजेंट यूनिट 2019 के लिए जारी डेमोक्रेसी इंडेक्स में भारत के लोकतंत्र को त्रुटिपूर्ण करार दिया गया है। जिसका मुख्य कारण देश में नागरिक स्वतंत्रता का हनन माना जा रहा है। यह डेमोक्रेसी इंडेक्स 165 आजाद देशों और 2 क्षेत्रों में लोकतंत्र की मौजूदा स्थिति का खाका पेश कर रही है। रिपोर्ट को ध्यान से पढऩे पर पता चलता है कि डेमोक्रेसी इंडेक्स की वल्र्ड रैंकिंग में 10 स्थान गिर कर देश अब 51वें पायदान पर लुढ़क चुका है।

डेमोक्रेसी इंडेक्स में कुल अंकों के आधार पर देशों को 4 प्रकार के शासन में वर्गीकृत किया जाता है। इस श्रेणी में पूर्ण लोकतंत्र बहाल करने वाले देशों को 8 अंक त्रुटिपूर्ण को 6 या 6 से ज्यादा अंकों की श्रेणी में शुमार किया जाता है। जबकि सत्तावादी शासन वाले देशों को 4 या उससे कम अंकों की श्रेणी में शामिल किया जाता है। राणा ने कहा कि पहला डेमोके्रसी इंडेक्स 2006 में जारी हुआ था तब भारत का स्कोर 7.68 था। जबकि 2019 में यह स्कोर 6.9 तक सिकुड़ चुका है। जबकि 2014 में जब एनडीए की सरकार बनी थी तब यह अंक 7.92 पर था। राणा बोले कि शिक्षाविद व चिंतक डेमोक्रेसी इंडेक्स की इस गिरावट को नागरिकों की स्वतंत्रता के गिरते स्तर को जिम्मेदार मान रहे हैं।

कश्मीर से धारा 370 हटाने और देश में नागरिकों की भावनओं के विपरित जबरन नागरिकता संशोधन कानून लागु करने को डेमोक्रेसी स्कोर की गिरावट का मुख्य कारण मान रहे हैं। सरकार के अहम और दंभ भरे फैसलों ने आम नागरिक की आजादी पर पहरा लगाया है। जिस कारण से अताताई शासन की तरह सरकार के खिलाफ बोलने वालों में खौफ व नफरत का माहौल पनपा है। जो कि देश के लिए दुर्भाग्य पूर्ण है। राणा ने कहा कि मोदी राज में सरकार एक इवेंट की तरह चल रही है। जिसके तयशुदा टाग्रेट के चलते नागरिकों के अच्छे बुरे का किसी को कोई होश नहीं है और अब स्थिति यह बन रही है कि प्रचंड जनादेश देने के बावजूद आम आदमी उसी सरकार खौफजदा है।

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