ऐतिहासिक धार्मिक स्थलों में शुमार श्मशानघाट को संवारने में जुटा करसोग

Sunday, Mar 31, 2019 - 06:15 PM (IST)

करसोग (यशपाल): मंडी जिला के उपमंडल करसोग स्थित ऐतिहासिक धार्मिक स्थलों में शुमार ईमला बिमला श्मशानघाट को संवारने के लिए करसोग के बाशिंदों ने कवायद तेज कर दी है। श्मशानघाट की दयनीय स्थिति को देखते हुए करसोग के बाशिंदों ने सामूहिक तौर पर इस कल्याण भूमि को संवारने का निर्णय लिया है। इसके लिए बाकायदा स्थानीय लोगों के सहयोग से धनराशि जुटाने के लिए एक कमेटी का गठन भी किया गया है।

जनसहयोग से निर्मित होगा ईमला बिमला श्मशानघाट

श्मशानघाट के सौंदर्यीकरण व मूलभूत सुविधाओं से लैस करने के लिए कमेटी में बतौर प्रधान सीता राम गुप्ता, उपप्रधान दिवाकर गुप्ता, सचिव चेतन शर्मा, सह सचिव नरेन्द्र भारद्वाज उर्फ मोन्टू व कोषाध्यक्ष का जिम्मा लाल चंद गुप्ता को सौंपा गया है। स्थानीय लोगों से एकत्रित राशि से श्मशानघाट में अंत्येष्टि करने के लिए विशेष स्थान तथा लकड़ी के भंडारण के लिए भंडार गृह व लोगों के एकत्रित होने के लिए रेन शैल्टर बनाया जाएगा। इसके अलावा श्मशानघाट को जाने वाली एकमात्र कच्ची सड़क को भी संवारने की जिम्मेदारी करसोग की जनता ने उठाई है। कमेटी की इस पहल का जहां स्थानीय लोगों ने स्वागत किया है, वहीं श्मशानघाट के सौंदर्यीकरण के लिए जनता अपनी अहम भूमिका निभाने में जुट गई है।

श्मशानघाट में अंत्येष्टि करना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं

गौरतलब है कि ईमला बिमला श्मशानघाट में करसोग के साथ लगती तकरीबन डेढ़ दर्जन पंचायतों के बाशिंदों को मोक्ष धाम तक पहुंचाने के लिए अंत्येष्टि के लिए लाया जाता है। ऊबड़ खाबड़ रास्ता व बारिश के मौसम में और दोनों खड्डों के उफान पर होने के चलते इस श्मशानघाट में अंत्येष्टि करना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। इन्हीं असुविधाओं को जहन में रखते हुए करसोग वासियों ने इस पवित्र स्थल को संवारने के मकसद से कसरत शुरू कर दी है।

सरकार व प्रशासन से मदद लेने के प्रयास शुरू

इस पुनीत कार्य में करसोग के लोगों ने बढ़-चढ़कर शिरकत करते हुए खुले मन से धनराशि दान करना आरंभ कर दिया है। जनसहयोग से एकत्रित होने वाली इस धनराशि से निर्मित होने वाले श्मशानघाट के सौंदर्यीकरण के लिए सरकार व प्रशासन से मदद लेने के लिए भी स्थानीय जनता ने प्रयास शुरू कर दिए हैं।

Vijay