Kangra: देहरी कॉलेज में कारगिल विजय दिवस बना प्रेरणा का पर्व, छात्रों ने वीरों के बलिदान को किया सलाम
punjabkesari.in Saturday, Jul 26, 2025 - 12:21 PM (IST)

देहरी: डब्ल्यूआरएस राजकीय महाविद्यालय देहरी में शुक्रवार को कारगिल विजय दिवस के अवसर पर एक भावपूर्ण स्मृति कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम महाविद्यालय की एनसीसी और एनएसएस इकाइयों द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य भारतीय सेना के वीर जवानों के अद्वितीय साहस, त्याग और राष्ट्रभक्ति को श्रद्धांजलि अर्पित करना था।
कार्यक्रम की शुरूआत राष्ट्रध्वज फहराकर की गई, जिसके बाद एनसीसी कैडेटों ने एक अनुशासित और प्रभावशाली मार्च पास्ट प्रस्तुत किया। देशभक्ति से ओतप्रोत इस दृश्य ने उपस्थित दर्शकों के मन में गर्व और आत्मसम्मान की भावना भर दी। छात्रों द्वारा प्रस्तुत यह परेड महज एक सैन्य अनुशासन की झलक नहीं थी, बल्कि यह उस अदृश्य भावनात्मक डोर को भी दर्शा रही थी, जो हर भारतीय को अपने सैनिकों से जोड़े रखती है।
कार्यक्रम में बताैर मुख्यातिथि पधारे कैप्टन हरि सिंह पठानिया ने अपने अनुभव सांझा करते हुए कारगिल युद्ध के अद्वितीय शौर्य की गाथा सुनाई। उन्होंने कहा कि हमारे सैनिकों ने दुर्गम परिस्थितियों में भी मातृभूमि की रक्षा के लिए जो साहस दिखाया, वह हमेशा हमारी प्रेरणा बना रहेगा। उनका बलिदान शब्दों से परे है और उसे याद रखना हर नागरिक का कर्तव्य है।
कार्यक्रम के दौरान कॉलेज के एनसीसी कैडेट्स और एनएसएस स्वयंसेवकों ने कारगिल युद्ध की पृष्ठभूमि, घटनाक्रम और वीरता के प्रेरणादायक प्रसंगों पर आधारित भाषण प्रस्तुत किए। इसके अतिरिक्त एक सशक्त नाट्य प्रस्तुति के माध्यम से छात्रों ने युद्ध के दौरान भारतीय जवानों के समर्पण और दृढ़ संकल्प को मंच पर जीवंत कर दिया। इस नाटक ने दर्शकों की आंखों को नम कर दिया और सभागार देशभक्ति के नारों से गूंज उठा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय की कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. सपना बख्शी ने की। इस अवसर पर एएनओ लैफ्टिनैंट डॉ. शशि कुमार, एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी रेखा और रोहित तथा महाविद्यालय के शिक्षकगण नीरज कुमार, विकास बेसिन और डॉ. सुरिंदर कुमार भी उपस्थित रहे। सभी ने अपनी सक्रिय भागीदारी से कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग दिया और छात्रों को उत्साहित किया। कार्यक्रम का समापन कारगिल युद्ध में शहीद हुए वीर सैनिकों की स्मृति में दो मिनट के मौन और पुष्पांजलि अर्पण के साथ हुआ।