कांगड़ा में बढ़ा TB का खतरा, 158 नए मामले आए सामने

Tuesday, Dec 03, 2019 - 12:35 PM (IST)

मंडी : साल 2021 तक हिमाचल प्रदेश को  टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है और इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग दिन-रात एक करता हुआ नजर भी आ रहा है। 16 से 30 नवंबर तक प्रदेश भर में टीबी (TB) के नए रोगियों की पहचान के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जो व्यापक अभियान चलाया गया उसमें 775 नए मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने इन सभी रोगियों को टीबी का उपचार देना शुरू कर दिया है। सबसे ज्यादा मामले कांगड़ा जिला में पाए गए हैं जबकि मंडी जिला दूसरे स्थान पर रहा है। वहीं जनजातिय जिला किन्नौर और लाहुल-स्पीति में सबसे कम मामले सामने आए हैं।

15 दिनों के अभियान में कांगड़ा जिला में 158, मंडी जिला में 115, सोलन जिला में 91, कुल्लू जिला में 69, चंबा जिला में 65, बिलासपुर जिला में 65, उना जिला में 55, शिमला जिला में 53, सिरमौर जिला में 49, हमीरपुर जिला में 41, किन्नौर जिला में 13 और लाहुल स्पिति जिला में 6 नए मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने यह अभियान इसलिए चलाया था ताकि टीबी के रोगियों की पहचान की जा सके और उन्हें समय रहते उपचार देकर पूरी तरह से ठीक किया जा सके। क्योंकि जब यह रोगी पूरी तरह से स्वस्थ होंगे तभी 2021 तक प्रदेश की टीबी मुक्त प्रदेश घोषित किया जा सकेगा।

स्वास्थ्य अधिकारी डा. दिनेश ठाकुर ने बताया कि 15 दिन तक चले अभियान के दौरान मंडी जिला के 2 लाख 27 हजार 806 संभावित लोगों के थूक के सैंपल लिए गए और उनकी जांच की गई। जांच में 115 में टीबी के लक्षण पाए गए और अब इन्हें उपचारदेना शुरू कर दिया गया है। यह जांच पूरी तरह से निशुल्क थी और अब इन लोगों को उपचार भी निशुल्क ही दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिला ने इस अभियान में बेहतर प्रदर्शन किया है और जिला सहित पूरा प्रदेश टीबी मुक्त होने की दिशा में अग्रसर हो रहा है। 

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Simpy Khanna