आस्था : बड़ा देव कमरूनाग 27 वर्षों के बाद नई कोठी में हुए विराजमान

Saturday, May 11, 2019 - 01:38 PM (IST)

मंडी(नितेश सैनी) : हिमाचल प्रदेश को देवभूमि कहा जाता है क्योंकि यहां पर देवी देवता वास करते है और यहां पर हर जिला में देवी देवताओं के अलग-अलग रीति रिवाज है। इस समय बात हो रही है छोटी काशी मंडी के अराध्य बड़ा देव कमरूनाग की। जोकि 27 वर्षों के बाद रोहांडा के मझोठी में स्थित नई कोठी में विराजमान हो गए हैं। देव कमरूनाग कमेटी रोहांडा द्वारा आयोजित प्रतिष्ठा कार्यक्रम 9 से 13 मई तक आयोजित किया जा रहा है। प्रतिष्ठा अनुष्ठान के प्रथम दिन सात पंडितों द्वारा विधिवत पूजन कर कार्यक्रम की शुरूआत की गई। वहीं पहले दिन के पूजन के बाद देव कमरूनाग की नवनिर्मित कोठी के साथ देव ध्वज पताका को भी पारंपरिक तरीके से पूजा कर फहराया गया। बता दें कि इस देव ध्वज को फहराने के लिए उपयोग में लाई गई लकड़ी पूरे पेड़ को काटकर उपयोग लाई जाती है।

जानकारी देते हुए देव श्री कमरूनाग कमेटी मझोठी, रोहांडा के सचिव दुनी चंद ने कहा कि देव कमरूनाग का सूरज पखे को पहले पुरानी कोठी में रखा जाता था। उन्होंने कहा कि पुरानी वाली कोठी को बने हुए काफी वर्ष हो गए थे और जगह की कमी के चलते नई कोठी का निर्माण देव क्रिपा से करवाया गया है। उन्होंने कहा कि देव श्री कमरूनाग की कोठी का निर्माण 27 वर्षों के बाद किया गया है। उन्होंने कहा कि अब 13 मई को प्रतिष्ठा अनुष्ठान संपन्न होने के बाद देव कमरूनाग अपनी नई कोठी में विराजमान हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि इसके उपरांत देव सिर्फ स्थानीय प्राचीन मेलों व लोगों के घर आतिथ्य के लिए ही अपनी कोठी से बाहर निकलेंगे। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर देव बाला टिक्का सहित क्षेत्र के अन्य देवताओं के गुर भी भाग लेने आए हुए हैं। दुनी चंद ने कहा कि अनुष्ठान के अंतिम दिन 13 मई को विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने सभी देवभक्तों से इस आयोजन में बढ़चढ़ कर भाग लेने का आग्रह किया है।

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