ठंड के कारण जमी कमरूनाग झील, श्रद्धालुओं के लिए मार्च तक यात्रा पर रहेगा पूर्ण प्रतिबंध

Tuesday, Dec 10, 2019 - 11:37 AM (IST)

मंडी (पुरुषोत्तम शर्मा): ठंड के कारण समुद्र तल से करीब 10 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित धार्मिक आस्था का केंद्र देव कमरूनाग झील पूरी तरह जम गई है जिसके चलते अब अब श्रद्धालुओं के लिए बर्फवारी के चलते मार्च तक यात्रा पर यहां पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। झील से पानी प्रयोग करने के लिए मंदिर के कर्मचारियों और सेवकों को शीशा बन चुकी परत पत्थर से  तोड़कर पानी भरना पड़ रहा है। बता दें कि मंडी जिले के ऊपरी क्षेत्रों में सर्दी के इस मौसम में ठंड का प्रयोग बढ़ता ही जा रहा है और लगातार खुशक ठंड के कारण गोहर व थुनाग उपमंडल के कई गांव के लोगों की नगदी फसलें भी ठंड की चपेट में आने के कारण तैयार नहीं हो रही है।

इस बार समय से पहले बढ़ती ठंड के कारण किसानों के मटर की फसल पर भारी असर पड़ने के कारण कई गांव के लोगों को लाखों का नुकसान हुआ है। जिले के प्रसिद्ध देव कमरूनाग की झील भी ठंड के कारण जम गई है। कमरूनाग में दिन में ठंड न होने के कारण आजकल भी श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा हुआ है और रात को तापमान में गिरावट होने के कारण आस्था का केंद्र देवता की झील भी पूरी तरह जम गई है। 

झील में बर्फ की मोटी परत जमने के कारण देवता के कारकूनों को झील से पानी निकालने के लिए बर्फ की मोटी परत को तोड़ना पड़ रहा है। देवता के कटवाल भीष्म कुमार ने बताया कि 16 दिसंबर तक कमरूनाग मंदिर में देवता कमेटी के लोग रहेंगे और उसके बाद मौसम बिगड़ जाता है और कमेटी सभी लोगों को मंदिर से वापिस बुला लेते हैं। इस बीच मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए कोई सुविधा रहेगी और यात्रा पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। भीष्म कुमार ने आम लोगों से आग्रह किया है कि जैसे ही कमरूनाग में बर्फबारी का दौर शुरू होता है कोई भी श्रद्धालु देवता के दर्शन के लिए मंदिर न जाएं।

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Simpy Khanna