गुड़िया दुष्कर्म-मर्डर की करवाई जाए न्यायिक जांच, PMOऑफिस को लिखा पत्र

Monday, Nov 25, 2019 - 11:03 AM (IST)

शिमला(ब्यूरो): बहुचॢचत गुड़िया दुराचार और हत्या केस की जांच नए सिरे से करवाए जाने की मांग उठने लगी है। इसी कड़ी में मदद सेवा ट्रस्ट ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिख पूरे मामले की न्यायिक जांच करवाने का आग्रह किया गया है। प्रधानमंत्री को जारी पत्र में उल्लेख किया गया है कि सी.बी.आई. ने मामले की छानबीन सही तरीके से नहीं की और कई पहलुओं को नजरअंदाज किया है। सी.बी.आई. ने इस मामले में एक चरानी को गिरफ्तार किया, जोकि अधूरी जांच लग रही है। ट्रस्ट के सदस्य विकास थापटा के अनुसार फोरैंसिक जांच के बाद विशेषज्ञों द्वारा मामले में एक से अधिक की संलिप्तता होने की संभावना जताने से कई सवाल खड़े होते हैं। ऐसे में इस मामले की निष्पक्ष जांच जरूरी है। 

उन्होंने कहा कि इस मामले की न्यायिक जांच करवाई जानी चाहिए, ताकि मासूम को इंसाफ  मिले। इस मामले की सुनवाई चंडीगढ़ की अदालत में चल रही है। गौर हो कि सी.बी.आई. ने बीते 13 अप्रैल, 2018 को गुडिय़ा केस के आरोपी नीलू को शिमला जिला के हाटकोटी से गिरफ्तार कर मामले को सुलझाने का दावा किया था। आरोपी के खिलाफ सी.बी.आई. बीती 29 मई को हाईकोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। सी.बी.आई. का दावा है कि आरोपी ने दुष्कर्म के बाद गुडिय़ा को बर्बरता से मौत के घाट उतारा था। आरोपी की गिरफ्तारी के पीछे सी.बी.आई. ने डी.एन.ए. व फोरैंसिक जांच रिपोर्टों का हवाला दिया था।

यह है मामला

ऊपरी शिमला के तहत 10वीं की एक छात्रा की 4 जुलाई, 2017 को रेप कर हत्या कर दी गई थी। छात्रा का शव स्कूल के साथ लगते जंगल से 2 दिन बाद बरामद किया गया था। मामले की जांच के लिए विशेष टीम ने छानबीन के तहत 6 लोगों को गिरफ्तार किया था। इसी बीच गिरफ्तार किए गए व्यक्ति की पुलिस स्टेशन के लॉकअप में मौत हो गई। सी.बी.आई. ने इस मामले में विशेष जांच दल के आई.जी. सहित 9 पुलिस कर्मियों को गिरफ्तार किया था।

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Simpy Khanna