Himachal: मनाली से रोहतांग दर्रे का सफर हुआ महंगा, HRTC ने इलैक्ट्रिक बस का बढ़ाया किराया
punjabkesari.in Friday, Jun 06, 2025 - 11:53 AM (IST)

मनाली (साेनू): अटल टनल के निर्माण के बाद राेहतांग दर्रे की रणनीतिक और पर्यटन संबंधी भूमिका और भी बढ़ गई है। समुद्रतल से 13,050 फुट की ऊंचाई पर स्थित रोहतांग दर्रा देश-विदेश के पर्यटकों की पहली पसंद बना हुआ है। बर्फ से ढकी पहाड़ियां, ठंडी वादियां और अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य के बीच छुट्टियों का आनंद लेने के लिए इन दिनों कुल्लू-मनाली घाटी में पर्यटकों का भारी सैलाब उमड़ पड़ा है। इस बढ़ती पर्यटक भीड़ को देखते हुए हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) ने पर्यटकों की सुविधा के लिए मनाली से रोहतांग दर्रा तक इलैक्ट्रिक बस सेवा शुरू की है। हालांकि इस बार सफर कुछ महंगा हो गया है, क्योंकि एचआरटीसी ने बस किराये में 100 रुपए की वृद्धि कर दी है। अब मनाली से रोहतांग तक का एकतरफा बस किराया 600 की बजाय 700 रुपए प्रति यात्री कर दिया गया है।
मनाली से रोहतांग हर राेज जा रहीं 4 से 5 इलैक्ट्रिक बसें
एचआरटीसी मनाली अड्डा प्रभारी खूब राम के अनुसार इन दिनों हर रोज सुबह 7 बजे से 4 से 5 इलैक्ट्रिक बसें मनाली से रोहतांग दर्रा के लिए रवाना की जा रही हैं। बसें पर्यटकों को केवल रोहतांग दर्रा ही नहीं, बल्कि रास्ते में आने वाले गुलाबा, मढ़ी, ग्रांफू, कोकसर, अटल टनल, धुंधी और सोलंगनाला जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों का भी आनंद लेने का अवसर दे रही हैं। मांग अधिक होने पर बसों की संख्या और बढ़ाई जाएगी।
एनजीटी के नियमों के तहत सीमित हैं निजी वाहन
गौरतलब है कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने रोहतांग क्षेत्र में बढ़ते वायु प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए यहां जाने वाले वाहनों की संख्या पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं। एनजीटी के आदेश के तहत रोहतांग दर्रा के लिए प्रतिदिन अधिकतम 1200 वाहनों को ही अनुमति दी जाती है। इनमें से 800 पैट्रोल और 400 डीजल वाहन शामिल हैं। सभी वाहनों को ऑनलाइन परमिट लेना अनिवार्य होता है और यह प्रक्रिया पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर संचालित होती है।
मई की तुलना में बढ़ा पर्यटकों का आंकड़ा
एचआरटीसी अधिकारियों के मुताबिक मई की तुलना में जून में पर्यटकों की संख्या में तेजी से बढ़ाैतरी देखी जा रही है। खासतौर पर स्कूली छुट्टियों और गर्मियों के मौसम के चलते रोहतांग दर्रे में हर दिन हजारों पर्यटक पहुंच रहे हैं। निगम इन विशेष इलेक्ट्रिक बसों को प्राथमिकता दे रहा है, क्योंकि ये न केवल पर्यावरण के अनुकूल हैं, बल्कि एनजीटी के दिशा-निर्देशों के अनुसार भी हैं।
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