सामाजिक सुरक्षा पैंशन घोटाले में सीडीपीओ चौंतड़ा गिरफ्तार

Monday, Sep 30, 2019 - 10:40 PM (IST)

जोगिंद्रनगर, (अमिता): सामाजिक सुरक्षा पैंशन की राशि के गबन मामले में कोर्ट से अग्रिम जमानत पर चल रहे जोगिंद्रनगर के बाल विकास परियोजना अधिकारी सुभाष चंद की अग्रिम जमानत याचिका सत्र न्यायालय मंडी से खारिज होने के बाद जोगिंद्रनगर पुलिस द्वारा उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है जिन्हें मंगलवार को न्यायालय में पेश किया जाएगा। जानकारी के अनुसार 1 करोड़ 10 लाख रुपए के इस घोटाले में जिला कल्याण अधिकारी मंडी लेखराज वैद्य ने इस संबंध में निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के निर्देश पर पुलिस थाने में विभागीय जांच के बाद पाई गई गड़बड़ी की बड़ी आशंका पर शिकायत दी थी और इस मामले में पुलिस ने प्रारंभिक जांच के बाद हेराफेरी का मुकद्दमा दर्ज करवाया था। सुभाष चंद पर आरोप है कि उन्होंने वर्ष 2013 से 2017 तक जोगिंद्रनगर में बतौर तहसील कल्याण अधिकारी के पद पर रहते हुए सरकार द्वारा लोगों की सुविधाओं के लिए चलाई गई 5 सामाजिक पैंशन में हेराफेरी की। जिन सामाजिक पैंशन में हेराफेरी की गई उनमें मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, वृद्धा अवस्था पैंशन योजना, विधवा पैंशन योजना तथा जागरूकता शिविर की योजनाओं में जो धन पात्र लाभार्थियों को मिलना चाहिए था वह नहीं दिया गया।

फिंगर प्र्रिंट और हस्ताक्षर नमूने लिए गए हैं जिन्हें जांच के लिए भेजा गया जा रहा है

मामले की पहली शिकायत सुनीता देवी भराडू द्वारा जिला कल्याण अधिकारी को की गई थी। सुभाष चंद पर आरोप है कि उन्होंने इन योजनाओं के धन की कैश में निकासी की जबकि  इनका भुगतान लाभार्थी के खाते में सीधा जाना था। पुलिस ने भां.दं.सं. की धारा 406 तथा 409 के तहत मुकद्दमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। थाना प्रभारी संदीप शर्मा ने कहा कि न्यायालय से अग्रिम जमानत याचिका रद्द होने के बाद सुभाष चंद को गिरफ्तार कर लिया गया है तथा रिकार्ड की छानबीन की जा रही है। सुभाष के फिंगर प्र्रिंट और हस्ताक्षर नमूने लिए गए हैं जिन्हें जांच के लिए भेजा जा रहा है। बता दें कि इस मामले का खुलासा तब हुआ जब जोङ्क्षगद्रनगर में नए तहसील कल्याण अधिकारी ने कार्यभार संभाला और तब तक आरोपी बाल विकास परियोजना अधिकारी के पद पर पदोन्नत होकर चौंतड़ा में तैनात हो गया था। अब इस मामले में कई खुलासे होने बाकी हैं। माना जा रहा है कि करीब 1 करोड़ से अधिक की सरकारी राशि का गबन हुआ है जो लाभार्थियों को नियमानुसार मिलनी चाहिए थी।  

Kuldeep