मन में कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो तो हौसले बन ही जाते हैं, ये साबित कर दिखाया है 2 भाईयों ने(VIdeo)

Sunday, Feb 03, 2019 - 04:51 PM (IST)

सुंदरनगर(नितेश सैनी) : अगर कभी न हार मानने का जुनून हो और कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कोई भी काम नामुमकिन नहीं है। कुछ इसी तरह की मिसाल दी है सुंदरनगर के दो सगे दिव्यांग भाइयों ने। दोनों सगे भाइयों ने तमिलनाडु में संपन हुई 23वीं सीनियर नेशनल डैफ स्पोर्ट्स कुश्ती चैंपियनशिप में हिमाचल की झोली में गोल्ड और सिल्वर मेडल डाला है। वैसे तो प्रदेश में कई खिलाड़ियों ने नेशनल और इंटरनेशनल स्तर पर हिमाचल को कई मेडल दिलाए है लेकिन सगे भाइयों के मैडल जितने के पीछे ऐसी क्या खास वजह है की एक भाई 100% प्रतिशत बोल और सुन नहीं पाता तो दूसरा भाई 70% बोल और सुन नहीं सकता। दोनों भाई इशारों ही इशारो में एक दूसरे से बात करते है।

 

पिता मुनी लाल चौधरी ने बेटों की उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि सुबह दोनों को 5 बजे उठाया जाता था और कुश्ती का प्रशिक्षण दिया जाता था ताकि इनमें कोई कमी न रहे। लेकिन उन्होंने कोच जॉनी चौधरी से कुश्ती की सभी बारीकियां सीखी है। लेकिन दिव्यांगता के कारण बच्चों को समझाने और बताने में बहुत परेशानी होती थी। अजय और विजय की माता अमरावती ने कहा कि आज दोनों बच्चों ने प्रदेश को मेडल दिलाया है यह बहुत गर्व का विषय है और बहुत मेहनत कर दोनों ने इस मुकाम को हासिल किया है। कोच जॉनी चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया कि दोनों खिलाड़ी बहुत मेहनती खिलाड़ी है दोनों ने मैडल जित हिमाचल सहित सुंदरनगर का नाम रोशन किया है और यह उनके माता पिता और अकादमी के लिए गर्व का विषय है।

उन्होंने कहा कि दोनों बहुत ही मेहनती खिलाड़ी है दोनों खिलाड़ियों को बोलने और सुनने में परेशानी है जिस की बजह से इन्हें बहुत परेशनियों का सामना करना पड़ता है लेकिन उनकी कड़ी मेहनत के दम पर आज उन्हें यह मुकाम हासिल हुआ है। बता दें दोनों भाई सुंदरनगर के भरजवाणु गांव से सबंध रखने है। 21 वर्षीय अजय ने सिल्वर तो 20 वर्षीय विजय ने गोल्ड मेडल जीता है। रविवार को दोनों भाइयों के घर पहुंचने पर गांव वासियों ने पटाखे फोड़ और ढोल नगाड़ो के साथ उनका स्वागत किया।

kirti