आईजीएमसी में मानसिक रोगी के पेट से निकाली 22 सैंटीमीटर लंबी लोहे की रॉड

Wednesday, Mar 31, 2021 - 11:46 PM (IST)

शिमला (जस्टा): आईजीएमसी में गैस्ट्रोलॉजी विभाग के डॉक्टरों ने एक मरीज की जान बचाने में सफलता हासिल की है। यहां एक मानसिक रोगी के पेट से डॉक्टरों ने 22 सैंटीमीटर लंबी लोहे की रॉड निकाली है। यह रॉड मरीज की फूड पाइप और मैटा स्टॉक में फंसी थी, लेकिन चिकित्सक में बिना ऑप्रेशन और बिना चीर-फाड़ के मरीज के अंदर से रॉड निकाली है। यह लोहे की रॉड गैस्ट्रोलॉजी विभाग के डॉक्टर विशाल ने निकाली है। वहीं गैस्ट्रोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ. ब्रिज शर्मा और डॉ. राजेश ने भी काफी सहयोग दिया। इनकी बदौलत मरीज के पेट से रॉड को बाहर निकाला गया।

20 साल का मरीज मंडी का रहने वाला है। यह मरीज गंभीर हालत में आईजीएमसी लाया गया था, तभी चिकित्सकों ने इसकी जान बचाने के लिए कमर कसी। लोहे की रॉड निकलने के बाद अब मरीज बिल्कुल सुरक्षित है। गैस्ट्रोलॉजी विभाग में इस तरह का पहली बार केस आया है। मरीज की जान बचानी काफी मुश्किल थी लेकिन डॉक्टरों ने यहां पर मरीज की जान बचाने में एक तरह से मिसाल पेश की है।

गैस्ट्रोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ. ब्रिज ने कहा कि यह बहुत ही खुशी बात है कि मरीज के अंदर से लोहे की रॉड निकाली है। हमारे स्टाफ  ने कोरोना काल में भी मरीजों का उपचार करने में कोई कोताही नहीं बरती है। चिकित्सकों ने दिन-रात सेवाएं दी हैं। वर्तमान में भी चिकित्सकों द्वारा बेहतरीन सेवाएं दी जा रही हैं। आईजीएमसी हिमाचल का सबसे बड़ा अस्पताल होने के नाते यहां पर सैंकड़ों मरीज उपचार करवाने आते हैं। ऐसे में यहां चिकित्सकों पर हमेशा ही बोझ रहता है लेकिन डॉ. ब्रिज का कहना है कि मरीजों को देखने मे किसी प्रकार की कोई लापरवाही नहीं बरती जा रही है। यहां की एंडोस्कोपी भी कोरोना काल में बंद नहीं हुई है।

Content Writer

Vijay