Women's Day पर शिमला में मैराथन, जानिए क्या दिया खास संदेश (Watch Video)

Friday, Mar 08, 2019 - 03:12 PM (IST)

शिमला (योगराज): अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं ने 'बेटी पढ़ाओ बेटा समझाओ' का संदेश दिया है और कहा कि आज की युवा पीढ़ी को नशे के दलदल में फंसने से बचाने के लिए सभी को प्रयास करना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग हिमाचल प्रदेश द्वारा शिमला के रिज मैदान पर मैराथन का आयोजन करवाया गया। जिसमें शिमला शहर के लगभग 700 पुरुष और महिलाओं प्रतिभागियों ने रेस लगाई। इसके अलावा महिलाओं के लिए मटका फोड़ रेस, रसगुल्ला रेस, जलेबी रेस, रस्साकसी और पुरुषों के लिए सुई धागा रेस जैसी खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। जिसमें महिलाओं ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया।

खेल स्पर्धाओं में भाग लेने वाली महिलाओं ने बताया कि कुछ वर्ष पहले तक बेटी के जन्म को परिवार के लिए अभिशाप समझा जाता था लेकिन अब लोंगो की धारणा बदल चुकी है। अब बेटियों को भी बेटे के समान ही समझा जाता है। हाल ही में भारत की वायु सेना द्वारा की गई पीओके में एयर स्ट्राइक में भी महिलाओं ने अपनी भूमिका दर्ज की है। खेल प्रतियोगिताओं में विजयी रहने वाली महिलाओं को राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने पुरस्कार देकर सम्मानित किया। राज्यपाल ने इस दौरान कहा कि महिलाओं को आज किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं आंका जा सकता है।

महिलाएं समाज का अभिन्न अंग हैं और इनके बिना समाज की कल्पना भी अधूरी है। मैराथन के माध्यम से "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" और "बेटी है अनमोल" का संदेश लोगों को दिया गया। कार्यक्रम का मकसद समाज में महिलाओं के प्रति सकारात्मक सोच को जागृत कर बेटा और बेटी में अंतर के भेद को खत्म करना रहा। गुड़िया सक्षम बोर्ड की वाइस चेयरमैन रूपा शर्मा ने महिलाओं को बधाई दी और महिलाओं के हर क्षेत्र आगे बढ़ने की बात कही। वहीं महिला दिवस पर शिमला के रिज मैदान खुद सहायता समूहों द्वारा बनाये गए उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई गई जिसका लोगों ने खूब आंनद उठाया।

Ekta