इंडियन टैक्नोमैक घोटाला : CID की जांच के दायरे में आबकारी विभाग के 7 मुलाजिम

Thursday, Dec 06, 2018 - 11:14 PM (IST)

शिमला (राक्टा): भगौड़ी इंडियन टैक्नोमैक कंपनी के घोटाले की परतें खुलती जा रही हैं। कंपनी के कत्र्ता-धत्र्ताओं के साथ-साथ आबकारी एवं कराधान विभाग के कई तत्कालीन अधिकारियों व कर्मचारियों की संलिप्तता करोड़ों रु पए के घोटाले में सामने आई है। इसके तहत विभाग के 7 तत्कालीन मुलाजिम सी.आई.डी. के जांच दायरे में हैं। इनमें एक ए.ई.टी.सी., 3 ई.टी.आई. व 3 चपड़ासी शामिल हैं। इसके साथ ही कंपनी का एक अन्य निदेशक भी जांच दायरे में है। संबंधित सभी मुलाजिमों ने उच्च न्यायालय से अग्रिम जमानत ले रखी है। सूत्रों की मानें तो इनमें से कुछ की आगामी दिनों में गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।

सी.आई.डी. जल्द दायर करेगी चार्जशीट

जांच में अब तक सामने आए तथ्यों के आधार पर सी.आई.डी. जल्द ही अदालत में पहली चार्जशीट दायर कर देगी। देखा जाए तो करोड़ों रु पए के घोटाले को अंजाम देने से जुड़े मामले में सी.आई.डी. अब तक 9 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें कंपनी से जुड़े लोगों के साथ-साथ आबकारी एवं कराधान विभाग का भी एक तत्कालीन अधिकारी शामिल है। जांच के तहत भगौड़ी कंपनी के 7 वाहनों को जब्त कर रिकवरी के लिए आबकारी एवं कराधान विभाग को सौंपा गया है।

कंपनी ने नहीं किया 2100 करोड़ के वैट और सेल टैक्स का भुगतान

सामने आया है कि कंपनी ने 2100 करोड़ रुपए के वैट और सेल टैक्स का भुगतान नहीं किया। इसी तरह कंपनी की फैक्टरी को सील किए जाने के बाद भी वहां से करोड़ों रु पए की मशीनरी व अन्य सामान बाहर आया और कुछ को आपसी मिलीभगत से बेच दिया गया। इसमें आबकारी एवं कराधान विभाग के तत्कालीन अधिकारियों व कर्मचारियों की संलिप्तता भी सामने आई है।

दुबई में छिपा, नोटिस जारी, नहीं चढ़ा हत्थे

सूत्रों की मानें तो भगौड़ी कंपनी के मालिक राकेश शर्मा के दुबई में छिपे होने का अंदेशा है। ऐसे में सी.आई.डी आरोपी के खिलाफ लुकआऊट नोटिस भी जारी कर चुकी है। यह नोटिस बीते 21 अप्रैल को जारी किया गया था लेकिन अभी तक आरोपी हत्थे नहीं चढ़ पाया है। फरार आरोपी को दबोचने के लिए एयरपोर्ट पर भी पैनी नजर रखी जा रही।

दिल्ली से कब्जे में लिया रिकॉर्ड

मामले की जांच के तहत सी.आई.डी. कंपनी के दिल्ली स्थित मुख्यालय से भी रिकॉर्ड कब्जे में ले चुकी है। इसके साथ ही नाहन स्थित फैक्टरी से भी रिकॉर्ड जुटाया गया है। आबकारी एवं कराधान विभाग से भी महत्वपूर्ण रिकार्ड लिया गया है। बैंकों से भी रिकॉर्ड कब्जे में लेकर खंगाला जा रहा है।

छानबीन में हाथ लगे बिल-बैलेंस शीट

सी.आई.ङी. को जांच के दौरान जो बिल, टर्नओवर और बैलेंस शीट के अलावा अन्य दस्तावेज मिले हैं, उनमें अधिकतर बिल और दस्तावेज फर्जी बताए जा रहे हैं। ऐसे में जांच एजैंसी को फोरैंसिक लैब से भी कुछ रिपोर्ट मिलने का इंतजार है।

Vijay