सराज के तांदी जंगल में अवैध कटान का पर्दाफाश, देवदार के 62 मौछे बरामद

Wednesday, Apr 29, 2020 - 07:10 PM (IST)

गोहर (ब्यूरो): मंडी जिला के विधानसभा क्षेत्र सराज में वन विभाग द्वारा संदिग्ध परिस्थितियों में लाई लकड़ी के मामले में एक नया मोड़ आ गया है। वन अरण्यपाल मंडी द्वारा नियुक्त जांच अधिकारी ने मंगलवार को जंगल में छानबीन के दौरान अवैध रूप से काटे गए देवदार के 62 मौछे बरामद किए हैं, जिन्हें विभाग ने कब्जे में ले लिया है। जांच अधिकारी कमल जसवाल ने बताया कि तांदी बीट के जंगल में पहले ही दिन जांच के दौरान देवदार के 62 मौछे अवैध बरामद किए हैं जोकि जंगल के बीचोंबीच झाडिय़ों, पत्थरों और मिट्टी से ढके हुए मिले हैं, जिन्हें विभाग ने कब्जे में ले लिया है।

जांच से संतुष्ट नहीं है शिकायतकर्ता

शिकायतकर्ता फते सिंह ने आरोप लगाया कि यह जांच मात्र मामले में लीपापोती करने के समान है। हालांकि जांच में जंगल में हुए अवैध कटान के दौरान कई लकडिय़ां बरामद हुई हैं लेकिन मामले में विभाग जंगल में पड़ी अवैध देवदार की लकड़ी को अपने रिकॉर्ड में सही तरीके से दर्ज नहीं कर पा रहा है। उन्होंने कहा कि एक ओर विभाग 5 विशालकाय पेड़ों की लकड़ी मौके से उठाकर सबूत नष्ट करने का प्रयास करता रहा था जबकि जांच के दौरान ही जंगल में हुए अवैध कटान को हल्के में लेता रहा। उन्होंने कहा कि वह जांच से कतई संतुष्ट नहीं हैं। उधर, जांच अधिकारी कमल जसवाल ने बताया कि जांच के दौरान देवदार के 62 मौछे बरामद किए हैं जबकि जंगल के ब्राइडल पाथ पर जेसीबी के साथ छेड़छाड़ करने पर विभाग ने 70 हजार रुपए का जुर्माना कर दिया है।

जहां डीएफओ कर गए मुआयना वहां से ही मिली अवैध लकड़ी

फते सिंह ने आरोप लगाया कि नाचन वन मंडल में तांदी बीट पर वन विभाग ने कोविड-19 के दौरान लगे लॉकडाऊन में जेसीबी से एक सड़क निकाली और इस सड़क निर्माण के दौरान वहां पर कई हरे देवदार के पेड़ काट डाले। यह सड़क वास्तव में वन विभाग का ब्राइडल पाथ है, जिस पर वन विभाग ने बगैर कोई कानूनी औपचारिकता पूरी किए ही ब्राइडल पाथ को जेसीबी से मोटर रोड बना दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि मामले में वन विभाग द्वारा नियुक्त जांच अधिकारी भी इसकी सरसरी जांच कर अपने विभाग के अधिकारियों को बचाने में लगे हुए हैं। हैरानी की बात यह है कि जिस जगह का मुआयना एक दिन पहले डीएफ.ओ करके जाते हैं तो दूसरे दिन उसी जंगल में एसीएफ को देवदार के 62 मौछे मिलते हैं, जिनका कोई रिकॉर्ड नहीं है। वन विभाग मामले में अपने आला अधिकारी की संलिप्तता होने से इसकी गंभीरता से जांच नहीं कर रहा है। लिहाजा मुझे व स्थानीय ग्रामीणों को डरा-धमकाकर शिकायत वापस लेने का दबाव बना रहे हैं।

मुख्यमंत्री को भेजी शिकायत

अवैध कटान मामले पर जांच न होने से नाराज फते सिंह ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को शिकायत भेजकर हस्तक्षेप करने की मांग की है। शिकायत में फते सिंह ने लिखा कि उसने पुलिस थाना गोहर में डीपीएफ  तांदी बीट नाचन वन मंडल से अवैध तरीके से लकड़ी ले जाने बारे एक शिकायत की थी। इसके अलावा स्थानीय वन रक्षक व वन मंडलाधिकारी को पहले भी कई बार सूचित किया था लेकिन उन्होंने कोई भी कार्रवाई नहीं की। शिकायत में यह भी बताया गया था कि लकड़ी जंगल में संदिग्ध तरीके से जगह-जगह फैंकी गई है और तनेली नामक जगह पर 17 मौछे देवदार के फैंके थे। विभाग से इस बारे में पूछने पर कोई भी अधिकारी संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाया।

Vijay